मां काली की कृपा से रामानंद की आंखों को मिली रोशनी
बलिया। कहावत में अक्सर यह कहा जाता है कि अंधे को क्या चाहिए दो नयन...। पकड़ी धाम स्थित मां काली के दरबार में यह कहावत हकीकत में उस वक्त तब्दील होती दिखाई दी, जब मऊ जिले के बरौनी गांव निवासी रामानंद यादव पुत्र पलकू यादव ने अपनी कहानी सुनाई।
रामानंद ने बताया कि वह पर से विकलांग है, ऊपर से शुगर की बीमारी में उसे जकड़ लिया था। जिस कारण दोनों आंखों से दिखाई देना बंद हो गया। आंखों के उपचार के लिए वह बलिया जिला अस्पताल समेत वाराणसी तक के अस्पतालों का चक्कर लगाया, लेकिन कहीं उसे राहत नहीं मिली। हर जगह डाॅक्टरों ने यह कर उसे लौटा दिया कि उसकी आंख का उपचार नहीं हो सकता और आंख की रोशनी नहीं लौट सकती। इससे निराश होकर वह पकड़ी धाम स्थित मां काली की दरबार में पहुंचा और मां काली के पुजारी राम बदन भगत से आपबीती बताई। भगत ने उसे फकिया, गोली और तेल देकर उसके सेवन की बात कही और मां के दरबार में आकर अपनी प्रार्थना करने की सलाह दी। रामानंद बताते है कि धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी लौट आई और वह पूर्व भांति सब कुछ देखने लगा है।
डेस्क
No comments