क्षतिग्रस्त रेवती कुसौरी मार्ग पर राहगीरों का पैदल चलना हुआ दुश्वार
रेवती ( बलिया) एक तो कोढ ऊपर से खाज, अत्यधिक क्षतिग्रस्त रेवती कुसौरी संपर्क मार्ग के लिए उक्त उक्ति सही मायने में चरितार्थ हो रही है।
पांच किलो मीटर लंबा संपर्क मार्ग लगभग दो दशकों से पूरी तरह गड्ढा युक्त व क्षतिग्रस्त होने से पैदल चलने लायक नहीं रह गया।दो दशक पूर्व पूर्व मंत्री स्व. बच्चा पाठक के कार्यकाल में खड़ंजा का कार्य हुआ था। उसके बाद 2007 - 08 में पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान के कार्यकाल में इसका पिचीकरण हुआ। बाद शासन प्रशासन व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते संपर्क मार्ग खस्ताहाल हो गया। नगर के समाजसेवी बबलू पांडेय ने बताया कि इस मार्ग से बुधरामपुर, शोभनथही, कुशहर ,कुसौरीखुर्द, कुसौरी,नैना आदि एक दर्जन गांवों के 25 हजार से अधिक ग्रामीणों का आवागमन होता है। बुधिरामपुर व कुसौरी के बीच संपर्क मार्ग के दोनों तरफ स्थित ईट भट्ठा के लिए दिन भर ट्रैक्टर से मिट्टी की ढुलाई होने से सड़क एक फूट मिट्टी से पट गई है। ट्रैक्टर अथवा वाहनों के आने जाने पर इतनी धूल का गुब्बारा उड़ता है कि लोग इस मार्ग से आने जाने से कतराते हैं। कुसौरी गांव निवासी अविनाश सिंह का कहना है कि संपर्क मार्ग की मरम्मत के लिए जिलाधिकारी बलिया से लगाए सांसद, विधायक को ज्ञापन दिया जा चुका है बावजूद संपर्क मार्ग की हालत जस की तस बनी हुई हैं।
पुनीत केशरी
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