कुरेजी- खरहाटार नहर माइनर टूटी, किसान नहीं डाल पा रहे धान की नर्सरी
गड़वार (बलिया) क्षेत्र में नहरें इस समय सुख गई है। जिससे किसान धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे है। सिचाई विभाग की मानें तो नहरों में पानी छोड़ने का रोस्टर प्रणाली लागू है। रोस्टर के अनुसार निश्चित समय तक ही पानी की आपूर्ति हो रही है। सिंचाई प्रखण्ड की दोहरी घाट की सहायक नहर की कुरेजी-खरहाटार माइनर में बीते एक सप्ताह पूर्व पानी छोड़ा गया था लेकिन तलहटी में पानी होने के कारण किसान धान का बेहन डालने में असमर्थ है वहीं बड़सरी के समीप नहर माइनर टूट जाने के कारण किसान परेशान है। क्षेत्र के किसानों की मुख्य फसल धान है। यहां की मिट्टी भी धान की खेती के लिए मुफीद है। झंगही,कोटवा,शाहपुर,थुम्हा उत्तम, खरहाटार आदि गांवों के किसान पूरी तैयारी के बावजूद भी पानी के अभाव में धान की नर्सरी नहीं डाल पाए है। झंगही गांव के किसान कृपाशंकर तिवारी कहते हैं कि कृषि विभाग द्वारा धान की नर्सरी डालने का उपयुक्त समय 30 मई से 7 जून तक बताया गया है। लेकिन इस समय नहर में पानी तो आया है लेकिन नहर की पटरी टूटने के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे धान की नर्सरी नही डाल पा रहे हैं। धान की नर्सरी समय से नहीं डाले जाने से उत्पादन भी प्रभावित होता है। इस बावत नहर विभाग के जेई विवेक सिंह ने बताया कि नहर टूटने की सूचना मिलने पर वहां मरम्मत का कार्य कराया गया लेकिन रिसाव बन्द नही हो पा रहा है वहां पर जेसीबी मशीन द्वारा मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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