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जब डॉक्टर को हुआ एड्स तो पुजारी द्वारा दी गई औषधियों से ठीक हुआ लाइलाज़ मर्ज

  



बलिया। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के करकटपुर,धरमरपुर गांव निवासी और पेशे से चिकित्सक रविकांत सिंह यादव पुत्र जयप्रकाश यादव को जब एचआईवी (एड्स) की बीमारी हुई तो मानो उनकी दुनिया ही वीरान हो गई। लेकिन जब डॉक्टर ने रविकांत को एचआईवी संक्रमित बता कर निराश किया तो महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी बूटियों ने एड्स के लाइलाज मर्ज से उन्हें मुक्ति दिला कर उनका दामन खुशियों से भर दिया।




अपनी व्यथा सुनाते हुए रविकांत बताते हैं कि वह दिल्ली में बतौर चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी दौरान वह एचआईवी संक्रमित हो गए। जब उपचार के लिए अस्पताल गए तो उस समय चिकित्सक ने उपचार के लिए हाथ खड़े करते हुए उसे महज तीन माह का मेहमान बताया। हालांकि इसके बाद वह निराश नहीं हुए और वाराणसी के बीएचयू में पुनः  टेस्ट कराया, जहां फिर उनकी रिपोर्ट पाज़िटिव आई। इसके बाद तो उसने जिंदगी की आस छोड़ दी। इसी दौरान किसी ने उसे पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर जाने की सलाह दी।


मरता क्या न करता की तर्ज पर रविकांत पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचे और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। उसकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और कुछ औषधियां देते हुए उसके उसके हुए उसके उसके नियमित प्रयोग की सलाह दी। रविकांत बताते हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ हुआ, जिस बीमारी के निदान के लिए वह तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाए और निराश होकर लौट आए थे, वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गया। इसकी पुष्टि बीएचयू में उनके द्वारा कराए गए एचआईवी टेस्ट में भी हुई थी,जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।



डेस्क

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