सन 1942 में 15 अगस्त को पूरे देश में सबसे पहले आजाद हुआ था रेवती नगर पंचायत
रेवती( बलिया) स्थानीय रेवती ब्लॉक को यहां के स्वतन्त्र वीरों ने देश में सबसे पहले 15 अगस्त सन् 1942 को आजाद करा कर अपना स्वराज्य स्थापित कर लिया था। वैसे बलिया को 19 अगस्त तक सम्पूर्ण आजादी मिली थी।
बुर्जुग बताते है कि यह अति गोपनीय रणनीति के तहत भीड़ इक्कठी हुई तथा विभिन्न समूह में बाँट कर पुलिस चौकी,रेलवे स्टेशन,पोस्ट आफिस आदि सरकारी संस्थानो पर चढ़ गए।आंदोलनकारियों की भीड़ के आगे बौना प्रशासन पुलिस चौकी (वर्तमान थाना) छोड़ भाग गए।दल छपरा से पचरुखा तक 5 किलो मीटर रेलवे ट्रैक तोड़ी गयी।पुलिस चौकी के साथ रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर अपना तिरंगा लहरा दिया।
इसके बाद पुनः सत्ता पर काबिज होने के लिए अंग्रेजो ने नेदरशोल को सैन्य टुकड़ी के साथ भेजा गया। बाजार में प्रवेश करते ही तांडव शुरु हो गयी। यमुना हलुवाई को पीटा गया।रामनारायण मिश्र निशाना बने।दक्षिण टोला निवासी रामइकबाल लाल के घर को लुटा गया। मौनी बाबा हनुमान मंदिर पर दह के पानी में कुद कर तैरते हुए पुलिस को चकमा दे कर जगरनाथ पाण्डेय फरार हुए थे। रघुराई राम केशरवानी बेचू,पाण्डेय, चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह, सुखदेव पाण्डेय, नर्वदेश्वर पाण्डेय,परमेश्वर तिवारी, श्रीनाथ पाण्डेय,श्रीनगर के सूरज सिंह,झरकटहा के बृजबिहारी सिंह , गायघाट के विश्वनाथ बरई, कैलाश शंकर शर्मा आदि भूमिगत हो गए। चौबेछपरा में बच्चा तिवारी के घर को आग लगा दी गयी। परिजनो को प्रताड़ित किया गया। रामपूजन तिवारी के घर पर तोड़ फोड़ की गयी।हजारों लोगो के विरुद्ध देशद्रोह व सरकारी संपत्ति जलाने का मुकदमा चौकीदार के तहरीर पर दर्ज कराया गया।
नगर के जूनियर हाईस्कूल स्थित सेनानी शिलापट पर ब्लाक के 62 सेनानीयों के नाम अंकित है। राष्ट्रीय पर्व पर यहां स्वतंत्रता सेनानीयों व शहीदों की याद में शिलापट पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
पुनीत केशरी
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