एक माह से गायब युवक का सरयू नदी किनारे मिला कंकाल,ग्रामीणों ने थाना घेरा
बलिया। बलिया जिले के सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र के खरीद-दरौली में नदी किनारे एक नर कंकाल मिलने सनसनी फैल गई। इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने शनिवार की शाम थाने पर पहुंच हंगामा शुरू कर दिया। लोगों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही से युवक की जान चली गई। अगर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की होती तो युवक की जान बच सकती थी।
थाना क्षेत्र के भाटी गांव निवासी नवीन कुमार पुत्र राम रतन राम 30 जून की शाम गांव के ही बृजेश राय पुत्र स्व. अवधेश राय के साथ बाइक से सिकंदरपुर आया था। नवीन देर रात तक घर नहीं पहुंचा। इसके बाद परिजन बृजेश राय के घर पहुंचे वहां भी पता चला कि बृजेश भी घर नहीं आया है। दो दिनों तक नवीन के परिजन नवीन की तलाश करते रहे। जब उसका पता नहीं चला तो तीन जुलाई को नवीन के पिता राम रतन राम ने सिकंदरपुर पुलिस को चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर दी। आरोप लगाया था कि नवीन उनके साथ ठेकेदारी का काम करता था। पैसे को लेकर नवीन व उनमें कुछ बात थी। आशंका है कि वह उसका अपहरण कर उसके साथ अप्रिय घटना की गई है। तहरीर मिलने के बाद गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। परिजनों को आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पता लगा लिया जाएगा। परिजन रोज थाने का चक्कर लगाते रह गए, पुलिस पता नहीं लगा पाई। शनिवार को सिकंदरपुर में संपूर्ण समाधान दिवस लगा था। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के सामने नवीन के पिता अपने दामाद के साथ प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचे। थानाध्यक्ष ने कहा कि दो बजे तक का समय दीजिए हम पता कर लेंगे। इसी बीच किसी ने परिजनों को सूचना दी कि एक युवक का कंकाल, कपड़ा, आधार कार्ड, चप्पल खरीद-दरौली नदी किनारे पड़ा है। नवीन के पिता व गांव के प्रधान विनोद कुमार वर्मा जब वहां पहुंचे तो नवीन का कपड़ा, आधार कार्ड व चप्पल पड़ा हुआ था। परिजन सामान लेकर सिकंदरपुर थाने पहुंचे। देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ थाने पहुंच गई। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जैसे ही इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को मिली अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा, क्षेत्रधिकारी सिकंदरपुर आशीष कुमार मिश्र सहित आधा दर्जन थाने की फोर्स व फोरेंसिक टीम पहुंच गई। मामले की छानबीन शुरू की गई। देर शाम तक ग्रामीण थाने पर डटे रहे और थानाध्यक्ष के निलंबन की कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
उधर,नवीन की मां राजकुमारी देवी, बहन रमिता व ममता का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। नवीन घर का इकलौता चिराग था। नवीन के पिता खेतीबाड़ी करके नवीन को इंजीनियरिंग कराई थी। वह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था। मकान का नक्शा व ठेकेदारी करके अच्छा खासा पैसा कमाता था।
By- Dhiraj Singh
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