भारत में पहली बार 98 लोगों को एक साथ कोर्ट ने सुना दी उम्रकैद की सजा, जाने क्या है मामला
नई दिल्ली : भारत में पहली बार 98 लोगों को एक साथ कोर्ट ने सुना दी उम्रकैद की सजा, जाने मामला । भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में कोर्ट ने सामूहिक रूप से 98 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कर्नाटक की सत्र अदालत ने दलितों के साथ अत्याचार के मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है।
2014 के भेदभाव और जातिगत हिंसा के मामले में कोर्ट ने तीन अन्य लोगों को 5-5 साल की उम्रकैद की सजा भी सुनाई है। मामले करीब 10 साल पुराना है जब गंगावटी तालुक के माराकुंबी में दलितों के साथ अत्याचार किया गया था।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस चंद्रशेखर सी ने की। उन्होंने इस मामले में 101 लोगों को सजा सुनाई गई है। आरोपियों में कुछ ऐसे भी थे जिनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट नहीं लगाया जा सकता था। दरअसल आरोपी भी दलित समुदाय से थे ऐसे में उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती थी। देश में ऐसा पहली बार है जब दलितों पर अत्याचार के मामले में इतने लोगों सजा सुनाई गई है। इस मामले में सरकारी वकील का रहना है कि इस मामले में 117 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
क्या है मामला
29 अगस्त 2014 को दलितों पर अत्याचार का मामला सामने आया था। माराकुंबी गांव में कई दलितों के घरों में आग लगा दी गई थी। इतना ही नहीं दलितों के सलून पर जाने पर भी रोक लगा दी गई थी। इतना ही नहीं दलितों को किराने की दुकान पर सामान भी नहीं मिलता था। इस हिंसा के बाद करीब तीन महीने तक पूरा गांव छावनी बना रहा है। इलाके में भारी फोर्स तैनात की गई। राज्य दलित अधिकार समिति की ओर से भी आंदोलन किया गया। मामले से जुड़े 16 आरोपियों की पेशी के दौरान मौत हो चुकी है।
डेस्क
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