एनडीआरएफ टीम ने सनबीम स्कूल के बच्चों को सिखाए आपदा प्रबंधन के गुर
बलिया : बलिया स्थित सनबीम स्कूल अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ ही विभिन्न प्रकार की गतिविधियों और जीवन में उपयोगी तकनीकों को सीखने के अवसर प्रदान करता रहता है। इसी क्रम में जिला प्रशासन के निर्देश पर और जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में, डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग ने अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल में एक विशेष आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में, इंस्पेक्टर राम यज्ञ शुक्ला और 11 एनडीआरएफ टीम वाराणसी के आठ जवानों ने बच्चों को प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से बचाव के विभिन्न तरीके सिखाए। इस दौरान आग, बाढ़, तूफान और भूकंप जैसी प्रमुख आपदाओं से निपटने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया।
एनडीआरएफ टीम ने बच्चों को बेहोश व्यक्ति को होश में लाने के तरीके बताए, साथ ही स्ट्रेचर, एयरबैग, लाइफ जैकेट और बैंडेज के उपयोग और लाभों के बारे में जानकारी दी। बच्चों को यह भी सिखाया गया कि यदि लाइफ जैकेट उपलब्ध न हो तो घर में उपलब्ध बालों जैसी चीजों से अस्थायी लाइफ जैकेट कैसे बनाई जा सकती है। इसके अतिरिक्त, सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने के तरीके और हर संभव बचाव प्रयासों का अभ्यास भी कराया गया।
विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने हेतु आए हुए अतिथियों का विद्यालय प्रशासन द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ. कुंवर अरुण सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में विभिन्न आपदाओं का आकस्मिक प्रकोप जारी है। उन्होंने बताया कि कहीं भूस्खलन, कहीं भारी बारिश, कहीं बादल फटने और कहीं भीषण बाढ़ जैसी स्थितियां देखने को मिल रही हैं। ऐसे में इन आपदाओं से बचना अत्यंत आवश्यक है, और यदि हम बचाव के तरीकों से भली-भांति परिचित होंगे, तो समय रहते न केवल स्वयं की रक्षा कर पाएंगे, बल्कि दूसरों को भी बचा सकेंगे, अतः इस प्रकार के गुणों को आत्मसात करना सभी के अत्यंत आवश्यक है।
बता दें कि इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. अर्पिता सिंह, प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी, ग्लोबल कोऑर्डिनेटर सहर बानो, हेडमिस्ट्रेस नीतू पांडेय, एएनओ पंकज सिंह और राजेंद्र सिंह सहित विद्यालय के अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे। सरकार तथा विद्यालय के इस पहल से बच्चों में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ी है और उन्हें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल सीखने का अवसर मिला है।
By- Dhiraj Singh
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