यज्ञ में श्रद्धा व भक्ति भाव से आहुति देने से सभी कामनाओं की होती है प्राप्ति : स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती
गड़वार(बलिया) श्री जंगली बाबा धाम,गड़वार पर चल रहे महारुद्र यज्ञ के अवसर पर काशी सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती ने शुक्रवार की रात को यज्ञ स्थल पर स्थित प्रवचन पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत वर्ष अनादि काल से ऋषियों व संत महात्माओं की भूमि रही है।श्री जंगली बाबा सिद्ध संत थे।कहा कि विश्व पटल पर अशांति का वातावरण उत्पन्न हो रहा है।इसमें समय चक्र का भी प्रभाव है।इससे बचने का एकमात्र उपाय भगवत स्मरण है।जिसका मन ईश्वर में समर्पित भाव से रहेगा उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।कहा कि यज्ञ का आधार अवलंबन सृष्टि के आरंभ से है जो अनादि काल तक अनवरत चलती रहेगी।कहा कि जब सात्विक प्रवृतियां कमजोर होती हैं तो विश्व पटल पर तामसिक प्रवृतियां अनैतिकता का तांडव करती हैं।कहा कि विनाशकारी शक्तियों के कपट से बचने के लिए सात्विक प्रवृति का होना नितांत आवश्यक है।ज्ञान वैराग्य रूपी नेत्रों से देवता का दर्शन हो सकता है।यज्ञ साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है।यज्ञ में श्रद्धा व भक्ति भाव से आहुति देने पर सभी कामनाओं की प्राप्ति होती है।प्रारंभ में पंडाल में मौजूद सभी संत व भक्तों ने शंकराचार्य को माला पहनाकर व चरण पादुका की पूजा कर आशीर्वाद लिया।इस मौके पर नाल बाबा,कमरिया बाबा,बृजभूषण दास,आचार्य पंडित राहुल उपाध्याय,सतीश उपाध्याय,भोला प्रसाद आग्नेय,घनश्याम सिंह,अशोक गुप्ता, प्रदीप सिंह,लल्लन यादव,तेजबहादुर सिंह,गुड्डू गुप्ता,लल्लन गुप्ता सहित सैकड़ों भक्त मौजूद थे।
रिपोर्ट : डी.पाण्डेय
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