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बांस बल्ली के पुल से जान जोखिम में डाल यात्रा करती है डेढ़ हजार की आबादी



रतसर(बलिया)।  विकास खण्ड गड़वार के रतसड़ कलां न्याय पंचायत के अंतर्गत डेढ हजार की आबादी के बीच बसे गांव भैरोबांध के बाशिंदे एक अदद पुलिया के अभाव में जोखिम पूर्ण यात्रा को मजबूर है। शासन प्रशासन से गुहार लगाते लगाते थक गये है लेकिन पुलिया का निर्माण उनके लिए अभी यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
 डेढ़ वर्ष पूर्व गांव को जोड़ने वाले मुख्य सड़क पर बनी पुलिया सामान लदे ट्रेक्टर ट्राली का भार सहन नही कर सकी और पूरी तरह ध्वस्त हो गई। उसी समय से इस मुख्य मार्ग से आवागमन पुरी तरह से ठप हो गया है।पुलिया के निर्माण के लिए ग्रामीणों ने संबंधित जनप्रतिनिधियों से लगायत  शासन प्रशासन से  बार-बार शिकायत की है ।

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर अपना विरोध भी जताया है लेकिन आजतक स्थिति जस की तस है। मायूसी के आलम में गांव वाले टूटी पुलिया पर बांस बल्ली लगाकर जोखिमपूर्ण आवागमन को मजबूर है। गांववालों के लिए स्थिति तब विकट हो जाती है जब प्रसव पीड़िता या गंभीर मरीज को चारपाई पर लादकर एंबुलेंस तक लाना पड़ता है। बीते लोकसभा चुनाव में इस गांव के ग्रामीणों ने पुलिया को लेकर उग्र प्रदर्शन एवं वोट का बहिस्कार किया था उस वक्त गांववालों को मनाने आये  प्रशासनिक अमला ने उन्हे आश्वासन दिया था कि अधिकारियों से इस सम्बन्ध में बात हुई है जैसे ही आचार संहित समाप्त होगी तुरन्त पुलिया का निर्माण करा दिया जाएगा लेकिन आजतक कुछ नही हुआ।

इस बावत खण्ड विकास अधिकारी डा० विनोद कुमार मणि त्रिपाठी ने बताया कि अभी हमारे ब्लाक में कई सचिवों का स्थानान्तरण इधर से उधर हुआ है मामला मेरे संज्ञान में आया है गांव की कार्ययोजना में उस पुलिया को प्राथमिकता के आधार पर रखा गया है। जैसे ही सचिव  का चार्ज हो जाता है तुरन्त उसका निर्माण कार्य करा दिया जाएगा।

रिपोर्ट धनेश पांडे

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