बाढ़ पीड़ितों के लिए विधायक ने चलाया लंगर
# सरकारी मदद साबित हो रही ऊंट के मुंह में जीरा
# महज पांच सौ बाढ़ पीड़ितों में ही बंटा त्रिपाल
रामगढ,बलिया। दुबेछपरा रिंग बंधा टूटने के बाद गंगा नदी के बाढ़ का पानी गोपालपुर, दुबेछपरा, प्रसादछपरा, बुधनचक, मुरलीछपरा, दयाछपरा, केहरपुर गांव के बाशिन्दों के घरों में घुस गया है। जिससे हजारों के संख्या में बाशिंदे बेघर हो गए है, खास बात तो यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 12 घण्टे में बाढ़ राहत सामग्री व आर्थिक सहायता देने की घोषणा के 24 घण्टे बाद भी बाढ़ पीड़ितों में बाढ़ राहत सामग्री व आर्थिक सहायता नहीं पहुंचा है। तहसील प्रशासन ने सिर छुपाने के लिए 500 बाढ़ पीड़ितों में त्रिपाल वितरण के साथ ही खाना का पैकेट वितरण कराया है। जबकि विधायक सुरेन्द्र सिंह के तरफ से बाढ़ पीड़ितों के भोजन के लिए बुधवार को लंगर की व्यवस्था की गई है। वहीं बाढ़ पीड़ितों के निवाले पर भी आफत आ गयी है,जिन पशुपालकों का पांच से 10 पशु है उन्हें भी ऊंट के मुह में जीरा के समान महज पांच किलो भूसा दिया जा रहा है। मनियर पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर लाल बहादुर ने बताया कि कुल 15 कुंटल भूसा वितरण करना है,ऐसे में प्रति पशुपालक पांच किलो भूसा दिया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग के तरफ से इलाज के लिए एम्बुलेंस चिकित्सा सेवा की व्यवस्था भी की गई है तो टिटनेस, सर्प काटने के बाद बचाव के लिए एंटी स्नैक, रैबीज की इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। वही सरकार के तरफ से जिलापूर्ति अधिकारी कृष्ण गोपाल पाण्डेय ने लांच पैकेज वितरण कराने की कमान संभाल लिया है। यहाँ तक कि एनएच 31 पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों को स्कूल,पंचायत भवन आदि सरकारी संस्थाओं में कही भी शिफ्ट नही किया गया है, ऐसे में बिमार बाढ़ पीड़ित गोपालपुर निवासी लक्ष्मण राम सरीखे कई रोगी एनएच 31 पर शरण लिए हुए है।तहसील प्रशासन के तरफ से बाढ़ राहत कैंप की कमान एसडीएम बैरिया दुष्यन्त कुमार मौर्य, तहसीलदार श्रवण कुमार राठौड़ व बांसडीह तहसीलदार गुलाब चंद्रा ने संभाल लिया है। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मुख्यमंत्री जी के घोषणा के अनुसार हमें कुछ नहीं मिल रहा है।
अब तक नसीब नहीं हुई बाढ़ पीड़ितों को राहत
रामगढ़, बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 12 घण्टे में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री व आर्थिक मदद देने की बात तो दूर 24 घण्टे बाद अब तक बाढ़ में फंसे हुए बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला नहीं जा सका है। एनडीआरएफ टीम जरूर लगी है लेकिन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि नाव की कमी खल रही है,आलम यह है कि बाढ़ पीड़ितों का आवश्यक महंगे समान बाढ़ के पानी में भीगकर नष्ट हो रहा है।
रिपोर्ट रविन्द्र नाथ मिश्र
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