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कुपोषण से जंग में देसी घी बना अहम हथियार

बलिया। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह में एनीमिया और कुपोषण की रोकथाम को लेकर 164 किशोरियों में शुद्ध देशी घी का वितरण बाल विकास परियोजना अधिकारी पीयूष चंद्र द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी पियूष चन्द ने बताया कि सरकार बाल विकास विभाग के माध्यम से 11 वर्ष से 14 वर्ष तक की किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए 4 माह तक प्रयोग करने के लिए 500 ग्राम का पराग कंपनी का शुद्ध घी का वितरण होने लगा है। उन्होंने बताया कि सरकार कि यह योजना उन किशोरियों के लिए है जो किसी कारणवश स्कूल में नामांकन ही नही कराया है।
सुपरवाईजर अर्चना सिंह ने बताया कि देशी घी में विटामिन A, विटामिन K2, विटामिन D, विटामिन E जैसे पोषक तत्व होते हैं जो हार्मोन बनाने और संतुलन के लिए जरुरी होते हैं।     
 इसके अलावा आयरन की गोली के बारे में बताया कि सप्ताह में एक गोली खानी चाहिए ताकि खून की कमी न हो। इसके साथ ही साथ उन्होंने टीकाकरण अभियान से होने वाले लाभ के बारे में बताकर किशोरियों को जागरूक किया।
 इस अवसर पर किशोरियों को उनके शारीरिक परिवर्तन, स्वास्थ्य एवं प्रजनन के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा उन्हें जागरूक किया कि वे 18 वर्ष से पहले विवाह न करें तथा अपने स्वास्थ्य को ध्यान रखने के लिए वह नियमित रूप से प्रोटीन युक्त प्रदार्थ जैसे विभिन्न प्रकार की दालें, हरी सब्जियां, मौसमी फल आदि का सेवन करें एवं समय से नियमति रुप से भोजन करें। इसके साथ ही साथ उन्होंने किशोरियों को स्वच्छता एवं साफ़-सफाई के बारे में जानकारी दी।
 इस मौके पर सुपरवाईजर लीना कुमारी, सुपरवाईजर प्रियंका चौहान, समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।


रिपोर्ट नवनीत मिश्रा

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