कल तक जिनके दीदार को तरसते थे लोग आज वो डाले रहे डेरा
रामगढ़, बलिया।कल तक जिनका का पता न था वह भी अचानक आज दूबेछपरा केहरपुर बाढ़ ग्रसित इलाकों में प्रकट हो गए। जनपद के विभिन्न विभागों की टीम मुख्यमंत्री व कमिश्नर के आगमन की सूचना पाकर बाढ़ ग्रस्त इलाकों में अपना डेरा जमा लिया।जबकि इससे पूर्व विभिन्न विभागों के किसी भी सदस्य का बाढ़ ग्रसित इलाकों में कहीं अता पता नहीं था। मंगलवार के दिन दूबे छपरा ढाले पर इमरजेंसी एबुलेंस,पशुपालन विभाग,चिकित्सा विभाग, रेवेन्यू टीम सहित विभिन्न विभाग की टीमें अलर्ट मोड में रही।जबकि इससे पूर्व बाढ़ ग्रस्त इलाकों में रेवेन्यू टीम छोड़कर किसी भी विभाग की टीम ने जाना गवारा नहीं समझा था।
घरों में घुसा पानी, पलायन कर रहे लोग
रामगढ़, बलिया।गोपालपुर(दूबे छपरा) रिंग बंधा के ध्वस्त होने के पश्चात दर्जनों गांव तथा पूरी तरह जल मग्न हो गये है।करीब छः किमी लम्बाई के बीच बसे उक्त गांवों के लोगों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।उक्त गांवों के लोग अपने अपने सामानों को घर से निकाल पलायन कर रहें है।पलायन का सिलसिला निरन्तर जारी है।बाढ़ के पानी से घिरे गांवों के रहवासी बैरिया-बलिया मुख्य मार्ग पर तिरपाल आदि लगाकर शरण ले रहे हैं।वहीं कुछ परिवार अपने रिश्तेदारियों के लिए निकल रहे है।
30 घंटे बाद भी नहीं हुई नाव की व्यवस्था
रामगढ़, बलिया।रिंग बन्धा टूटने के 30 घण्टे बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा बाढ़ ग्रसित गांवों के लोगों को गांव से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था नहीं कराया गया।बाढ़ पीड़ित लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घर से रोजमर्रा के सामानों के साथ निकलने को विवश है।बाढ़ ग्रसित गांवों के कुछ लोगों के पास अपनी डेंगी नाव है लेकिन ओवरलोड के डर से वे अपनी डेंगी निकालने से परहेज कर रहे है।उदई छपरा निवासी अयोध्या चौधरी ने हिम्मत करके अपनी डेंगी पानी में जैसे ही उतारा कि ज्यादा लोग उसमें सवार हो गये।नाव पलटने लगी कि कुछ नौजवान जो नाव पर सवार थे।नाव से कूद कर नाव को सहारा देकर बचा लिया।
जलमग्न हुए दर्जनों गांव
रामगढ़,बलिया। एक तरफ जहां रिंग बंधा टूटने से दर्जनों गांव एवं पूर्व जलमग्न हो गए हैं।वहीं दूसरी तरफ गंगा पार बसे नौरंगा गांव टापू बन चुका है।गांव के चारों तरफ जल ही जल का अथाह सागर दिखाई दे रहा है।गांव के वासियों को रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी के लिए अपनी जान जोखिम में डाल करीब 11 किलोमीटर दूर इस पार गंगापुर आदि गांव के सामने उतरना पड़ रहा है।तत्पश्चात वे रानीगंज बाजार से सामान खरीद पुनः नाव के सहारे अपने गांव पहुंच रहे हैं।नाव से गंगा पार करके गंगापुर गांव के सामने नाव से उतरे गुप्तेश्वर लाल श्रीवास्तव,कृष्णा ठाकुर,गोरखनाथ चौधरी,सूफिया खातून,माया देवी,अख्तर आदि ने कहा या तो हम करनामेंपुर बाजार करने के लिए जाते हैं अथवा रानीगंज बाजार करने के लिए आते हैं।हमारा गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है।ऐसे में पूरे गांव के लोगों की मजबूरी है कि वह नाव के सहारे ही रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए रानीगंज के लिए जाएं।
दोहरी मार से जूझते रहे बाढ़ पीड़ित
रामगढ़, बलिया। बाढ़ के पानी से घिरे गांव के निवासियों को मंगलवार के दिन प्रकृति के दोहरी मार का सामना करना पड़ा।एक तरफ भयंकर बाढ़ सुरसा के मुंह की तरह बाढ़ पीड़ितों के आशियाने को अपने आप में निकलने के लिए आतुर दिखाई दे रही थी। वहीं दूसरी तरफ दिन के करीब 2 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने बाढ़ पीड़ितों का जीना हराम कर दिया।बरसात की वजह से बैरिया- बलिया मुख्य मार्ग पर त्रिपाल,तंबू आदि डालकर शरण लिए हुए बाढ़ पीड़ितों को तबाह कर दिया।ऐसे बाढ़ पीड़ित बरसात के पानी में भीगने को मजबूर हुए।
एलर्ट मोड में रहा प्रशासनिक अमला
रामगढ़,बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के मद्देनजर जनपद का प्रशासनिक अमला पूरी तरह एलर्ट मोड में आ गया। मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे से जनपद के विभिन्न थानों की फोर्स का रुख दूबे छपरा के केहरपुर के तरफ हो गया।यह 11 बजे तक दूबे छपरा व केहरपुर से लेकर मुख्यमंत्री के हेलीपैड दया छपरा टाड़ी तक का क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया।सूबे के मुखिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस के जवान जगह-जगह अपनी पैनी नजर रखे हुए थे।सूबे के मंत्री अनिल राजभर का आगमन करीब 1.30 बजे एवं आजमगढ़ मंडल की कमिश्नर कनक त्रिपाठी व डीआईजी मनोज तिवारी आगमन बाढ़ क्षेत्र में हुआ और उनकी गाड़ी सीधे मुख्यमंत्री के हेलीपैड की तरफ बढ़ गई।
दुकानों पर लगी रही खरीदारों की भीड
पीड़ितों के बीच नहीं पहुंचा सीएम का उड़न खटोला
रामगढ़,बलिया। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ का उड़न खटोला पीड़ितों के बीच नहीं पहुंचा। जिससे कटान पीड़ित अपने भाग्य को कोसते नजर आए। उनको पूर्ण विश्वास था कि सूबे के मुखिया हम पीड़ितों के दर्द से रूबरू होंगे। लेकिन जैसे ही उड़ान खटोला गजहवा बाबा के समीप से उड़ा। उनके मंसूबे पर पानी फिर गया। गोपालपुर निवासी पंकज तिवारी का कहना था कि बड़ी उमीद था कि वे हमारे दर्द पर मलहम लगाएगे, लेकिन सबके मंसूबों पर पानी फिर गया। नागेन्द्र तिवारी का कहना है कि लोग सामानों को साथ छत पर है। प्रशासन सीएम की अगुवानी में व्यस्त रहे। द्वारिका प्रसाद का कहना है कि पीड़ितों की समस्या से प्रसाशन हमेशा बेपरवाह रहा।
रिपोर्ट रविन्द्र नाथ मिश्र
गंगाजी के बाढ़ का पानी रोकने के लिए और बिजली बनाने के लिए रिहंद की तरह बलिया जिले में भी भरौली के पास एक बड़ा बाँध बनाना जरूरी है । इसकी कुल लागत 600 करोड़ ₹ आएगी । इस विद्युत डैम के बन जाने से बलिया जनपद में बाढ़ और ढाही की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी । जबकि हर साल 50 करोड़ के नोज ब्रेक स्पर ढह जाते हैं इससे बेहतर है की एक ही बार में 600 करोड़ ₹ लगाकर समस्या का स्थायी समाधान कर दिया जाए । बलिया में इस काम के लिए शेयर से भी जनता के बीच से धन जुटाया जा सकता है । जो व्यक्ति 30 हजार ₹ से अधिक का बिजली डैम शेयर खरीदेगा उसे मुफ्त में बिजली, सिंचाई के लिए पानी और खाद्य मछली की नि:शुल्क सुविधा डैम कार्पोरेशन प्रदान करेगा ।
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