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हाय रे सिस्टम : सात माह पूर्व हुई थी प्रधान की कारगुजारिओं की जांच, अब तक नहीं आई रिपोर्ट




मनियर, बलिया । विकासखंड मनियर के ग्राम पंचायत दिघेड़ा के पूर्व प्रधान दक्षिण पटखौली निवासी अमलनाथ पाठक एवं दिघेड़ा निवासी सत्येन्द्र कुमार शुक्ला ने बांसडीह तहसील दिवस पर मंगलवार को शिकायती पत्र पर बनी जांच कमेटी द्वारा 7 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक जांच कर रिपोर्ट न भेजे जाने पर आपत्ति ब्यक्त किया है। पूर्व प्रधान ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार द्वारा समाचार पत्रों में निकाले गए विज्ञापन भ्रष्टाचार से बचें एवं रिश्वत खोरों को नकारें। अधिकारियों के सुस्त कार्यप्रणाली के कारण सार्थक साबित नहीं हो रहा है। उन्होंने शिकायत किया था कि विकासखंड मनियर के ग्राम पंचायत दिघेड़ा में मनरेगा, ग्राम निधि ,राज्य वित्त ,14वां वित्त आदि द्वारा कराए गए कार्यों एवं शौचालय, आवास , समाजवादी पेंशन आदि के चयन में अनियमितता हुई है जिस पर जिला अधिकारी बलिया के पत्रांक संख्या 302/ न्याय सहा० दिनांक 01/01/ 2019 पर मुख्य विकास अधिकारी बद्रीनाथ सिंह द्वारा शिकायत की जांच हेतु समिति गठित की गई थी जिसमें जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी बलिया, सहायक अभियंता लघु सिंचाई बलिया, रामेश्वर सिंह अवर अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग बलिया मौजूद थे ।
जांच समिति 16 जनवरी 2019 को गठित की गई थी। जांच अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि शिकायती पत्र में तथ्यों को जांच करके संयुक्त जांच आख्या एक सप्ताह के अंदर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ।करीब 8 माह बीत जाने  के बावजूद भी अभी तक उपरोक्त अधिकारियों द्वारा न तो जांच की गई और न ही हम लोगों को कोई जानकारी उपलब्ध कराई गई ।इस संदर्भ में शिकायतकर्ता द्वारा गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को भी पत्र देकर जांच कराए जाने की मांग की गयी है। साथ ही साथ शिकायतकर्ता अमलनाथ पाठक ने संपूर्ण समाधान दिवस 17 मई 2019 को शिकायती पत्र देकर मांग किया है कि प्रथम अपील किए जाने व सूचना अधिकारी के निर्देश के बाद भी सूचना अधिकार से संबंधित सूचना खंड विकास अधिकारी मनियर द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ।उनका आरोप है कि प्रार्थी द्वारा ग्राम पंचायत दिघेड़ा में जांच कराया जा रहा है ।तीन कार्यों को क्षेत्र पंचायत समिति द्वारा कराया गया है। जिसको ग्राम प्रधान द्वारा स्व निर्मित दिखाकर सात लाख रुपये उतार लिया गया है ।जिसकी संबंधित पत्रावली प्रमाणित कर मांगी गई है जो नहीं दिया जा रहा है।

रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

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