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बाढ़ पीड़ितों के लिए 'देवदूत' बनी एनडीआरएफ




लिया। गंगा की बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों के लिए एनडीआरएफ की टीम किसी देवदूत से कम नहीं है।  यही कारण है कि विगत चार दिनों से एनडीआरएफ की टीम अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालकर  सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रही है। 
 गंगा नदी के किनारे बने रिंग बांध के टूटने के कारण बांध के नजदीक आसपास के गांवों दुबे छपरा, गोपालपुर, प्रसाद छपरा, उदय छपरा, बुद्धन चौक, दया छपरा, टैंगरही, मिस्र गिरी के मठिया, चितामाड राय के ढोला व अन्य आसपास के गांवों में बहुत ज्यादा पानी भरने से लगभग  हजारों की आबादी जलमग्न हो गई है।  एनडीआरएफ ने अपने आधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल करते रिंग बांध के घेरे में जितने भी गांव हैं  एनडीआरएफ के द्वारा लाउडस्पीकर से घोषणा की जा रही है,  विगत 4 दिनों से  लगातार गंगा नदी  का जल स्तर बढ़ रहा है। 


आप लोग  गांव छोड़कर  सुरक्षित स्थान पर निकलने की कोशिश करें ।अब तक  बाढ़ में फंसे  लगभग 1000 से ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। जिसमें सबसे पहले प्राथमिकता बुजुर्गों, गर्भवती महिलाएं, और विकलांगों व बच्चों को दी जा रही है । एनडीआरएफ  टीमों का निर्देशन कर रहे पीएल शर्मा डिप्टी कमांडेंट और श्री भवानी सिंह खंग रावत जिलाधिकारी गंगा नदी का रिंग बांध टूटने से बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर लगातार  जायजा  ले रहे हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं । गंगा के जलस्तर लगातार बड़ने से कुछ और गांवाे के प्रभावित होने की संभावना के चलते सारी त्यारियां कर ली हैं।
आपको बता दें 11 वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो टीमें पिछले चार दिन से तहसील बैरिया, दुबे छपरा में दिन - रात  अपनी  टीमों के साथ गोताखोर , पैरामेडिक्स  
टेकनीशियन, आदि डीप डाइविंग सेट ,लाइफ ब्वॉय, लाइफ जैकेट,व  अन्य बचाव उपकरणों के साथ बाढ़ राहत बचाव कार्य में लगातार जुटी हुई  है। एवं एनडीआरएफ हर समय मानव जीवन को सुरक्षित करने हेतु सजग, सक्षम और तयार है।  ऑपरेशन के दौरान टीमों का संचालन निरीक्षक गोपी गुप्ता और उपनिरीक्षक विक्रम सिंह के द्वारा किया जा रहा है।  दिन-रात एनडीआरएफ की टीमें लगातार अपने अदम्य साहस  और कर्म निष्ठा के साथ बाढ़ राहत बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

रिपोर्ट रविन्द्र नाथ मिश्र

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