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गोवंश मवेशियों की मौत को लीपापोती करने में जुटा प्रशासन



चिलकहर ( बलिया) : रघुनाथपुर के अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल से 47 बेसहारा बछडों को हटाए जाने व नगरा रसडा मुख्य मार्ग पर मृत बछडों के शवों के मिलने के मामले मे स्थानीय अधिकारी लीपापोती करने में जुट गए हैं। प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत के निर्देश पर जांच हेतु पंहुंची तीन हदस्यीय टीम ने जो अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी है वह बेहद चौकाने वाली है। जांच रिपोर्ट के बल पर अधिकारी अपनी पीठ थपथवाने की कोशिश में लगे हुए हैं। प्रभारी मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने डीएम को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आपके आदेश पर गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया गया। भारी वर्षा के बीच पानी भर जाने से पशुओं को वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में अस्थाई रुप से अन्यत्र रखा रखा गया है। कुल पशुओं की संख्या 47 है। रसडा नगरा मुख्य मार्ग पर लकडा नाला के समीप दो मृत बछडों की मौत दुर्घटना में हुई है। मृत बछडों के कान में टैग नही है। 

 प्रभारी सीबीओ की रिपोर्ट को यदि सच मान भी लिया जाय तो यदि मृत बछडे आश्रय स्थल के नही थे व उनके कान में टैग नही लगा था तो वे 47 बछडे जिनके कानों में टैग लगा है वह कहां हैं? यह प्रश्न यक्ष प्रश्न बन कर लोगों के जेहन में कौध रहा है। खंड विकास अधिकारी राम अशीष की माने तों 47 मे से 30 बछडों कों खैरा निस्फी के नबाबगंज में सुरक्षित रखा गया है तथा 17 बछडे रघुनाथपुर के प्रधान ने रखवाया है। नबाबगंज की सच्चाई यह है कि अवधेश कुमार यादव गायों को पालते हैं उन गायों के ही दर्जन भर बछडे हैं । कहीं ऐसा तो नही कि अवधेश के ही बछडों को अधिकारी अपना बता रहें हैं। हालाकि अवधेश यादव उन बछडों  को अपना बता रहे हैं। उन बछडों के कानों में टैग भी नही है। इसी तरह रघुनाथपुर मे भी 17 बछडों को रखे जाने की बात भी सत्य से परे है। यह प्रकरण अब धीरे धीरे तूल पकडता जा रहा है। सडक पर मृत बछडों के शव मिलने व गोवंश आश्रय स्थल से बछडों के गायब होने के इस मामले को लेकर भाजपाजनों व हिंदू संगठनों की भृकुटी तन गई है। भाजपा के जयप्रकाश जायसवाल ने इस प्रकरण से ट्यूटर व फेसबुक के जरिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए दोषियों पर कार्यवाई की मांग की है। भाजपा के ही अशोक गुप्ता, पंचम गुप्ता ने भी प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है।

रिपोर्ट- संजय पांडेय

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