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जानें! नर पर क्यों भारी पड़ती है नारी,व्याख्यान में हुआ खुलासा


रेवती (बलिया)। गोपाल जी महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की तरफ से एक शैक्षणिक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में श्री मुरली मनोहर टाउन पी जी कॉलेज के अस्सिटेंट प्रोफेसर डा0 चंद्र मोहन ओझा ने व्याख्यान के शीर्षक असमानता एवं सामाजिक न्याय महिलाओं के संदर्भ में कहा कि प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी का महत्व नर से बढ़कर होता था, मनु ने नारी को श्रद्धामयि और पूजनीय मानते हुए कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। धीरे-धीरे समय बीता और नारी की स्थिति सामाजिक स्तर पर पुरुष के समकक्ष हो गई लेकिन कुछ समय और बीतने के पश्चात परिस्थितियां बिगड़ती गई और महिलाओं को समाज में असमानता एवं अन्याय का सामना करना पडा।

 अब शिक्षा के प्रचार-प्रसार से नारी की वह दुर्दशा नहीं है जो उत्पन्न हो चुकी थी, महिलाओं को पुरुष के समकक्ष लाने के लिए सामाजिक चिंतकों तथा विद्वानों ने सोचना और कार्य करना आरंभ किया और वर्तमान परिवेश में भी इस कार्य के द्वारा महिलाओं को सामाजिक न्याय और समानता दिलाने का प्रयास जारी रखना अनिवार्य है। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्राचार्य डा0 साधना श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक न्याय एवं समानता तब तक प्राप्त नहीं हो सकती है जब तक कि उन्हें शिक्षित न किया जाए। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक एकता समानता के लिए आवश्यक बताया और अंत में कहा कि एक नहीं दो-दो मात्राएं नर से बढ़कर नारी है। इस अवसर पर डॉ काशीनाथ सिंह, डॉ राम मनोहर, डॉ श्याम नारायण, विकास सिंह, अंबालिका जयसवाल, रागिनी तिवारी, प्रियंका पांडे, शशिकांत श्रीवास्तव, नवीन तिवारी आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने किया।

रिपोर्ट— अनिल केसरी

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