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छठ पूजा केवल धर्म के लिए ही नहीं, अपितु ..........।


.चितबड़ागांव, बलिया।बलिया मोहम्दाबाद मुख्य मार्ग पर  यूनियन बैंक से लेकर  स्थानीय मंडी गेट तक  और  मुख्य बाजार पूरा का पूरा  छठ महापर्व के मद्देनजर  फलों सब्जियों के प्रतिष्ठानों से भर गया है। हजारों की संख्या में  स्टाल बनाए गए हैं  और भीड़ भी  30 अक्टूबर से  कशमकश है।  छठ महापर्व का यह व्रत सांस्कृतिक विरासत एवं आस्था को कायम रखने के लिए संयमित और संतुलित व्यवहार का पर्व है जो बताता है कि बिना पुरोहित के भी पूजा हो सकती है, परिवार जो टुकड़ों में बंट गए हो, वर्ष भीतर मिला देता है, उस माॅ के लिए जिन्हे अपनी संतान को देखे वर्षो होगए हों , उस परम्परा को जिंदा रखने के लिए जो समानता सिखाता हो ।वह पर्व जो उगते सूरज को ही नहीं डूबते सूरज को भी प्रणाम करना सिखाता है, सूप और दउरा बनाने वालों का भी इस समाज में उनका महत्व बताने के लिए, गागर, सुथनी इत्यादि जैसे फलों को जिंदा रखने के लिए, परिवार और समाज में एकता और एकरूपता बनाये रखने के लिए और उन दम्भी पुरूषों के लिए जो नारी को कमजोर समझते है उन सभी को सीख देने के लिए।
स्थानीय नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में छठ का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है ।महंगाई कितनी क्यों न हो फल इत्यादि की खरीदारी में कोताही नहीं बरती जा रही है।




रिपोर्ट— अतुल कुमार तिवारी

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