जमाने के देखे हैं रंग हजार नहीं कुछ सिवा.....!
रायपुर। जमाने के देखे हैं रंग हजार नहीं कुछ सिवा प्यार के....! इन पंक्तियों को जीवंत करने वाला छत्तीसगढ़ का चर्चित प्रेमी युगल आखिरकार जमाने को दरकिनार कर एक हो गया या यूं कहें कि इब्राहिम-अंजलि प्रेम विवाह मामले में अंततः बुधवार को अंजलि की जीत हो गई तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी तभी तो अंजलि जैन को राजधानी रायपुर के सखी सेंटर से रिहा कर दिया गया और
वे अपने पति आर्यन आर्य ऊर्फ़ मोहम्मद इब्राहीम सिद्दीक़ी के साथ ससुराल रवाना हो गईं।
रायपुर के पुलिस अधीक्षक शेख़ आरिफ़ हुसैन और महिला एवं बाल-विकास के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी की गई।
ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के धमतरी की रहने वाली अंजलि जैन की छोटी बहन की चिट्ठी के आधार पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
इसके अलावा अंजलि के परिजनों की ओर से भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। अंजलि जैन ने अपनी ओर से भी हाईकोर्ट को एक चिट्ठी भेजी थी।
छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले 33 वर्षीय मोहम्मद इब्राहीम सिद्दीक़ी और 23 वर्षीय अंजलि जैन ने दो साल की जान-पहचान के बाद 25 फ़रवरी 2018 को रायपुर के आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।
इब्राहीम का दावा है कि उन्होंने शादी से पहले हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद उन्होंने अपना नाम आर्यन आर्य रखा था।
इसके बाद अंजलि के परिजन उन्हें अपने साथ ले गए थे, जिसपर आपत्ति करते हुये आर्यन आर्य ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए न्यायालय से अपनी पत्नी अंजलि जैन को वापस किए जाने की गुहार लगाई थी।
लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अंजलि जैन को सोच-विचार के लिए समय देते हुये छात्रावास में या माता-पिता के साथ रहने का आदेश पारित करते हुए मामले को ख़ारिज कर दिया।
अंजलि जैन ने तब माता-पिता के साथ रहने के बजाय छात्रावास में रहना तय किया था। इसके बाद इब्राहीम ने हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
डेस्क
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