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क्यों ना हो प्रशासन परेशान जब कुम्भकरण ने किया हो ऐलान



बलिया। धार्मिक ग्रंथ रामायण के अहम किरदारों में एक कुम्भकरण की तब भी तूती बोलती थी और आज भी बोलती दिख रही है। तभी तो कुम्भकरण एक ऐलान ने बुधवार को प्रशासनिक अमले में खलबली मचा दी। मामला बांसडीह कोतवाली के सुजौली शिवरामपुर निवासी कुम्भकरण उर्फ गंगा सागर वर्मा पुत्र स्व० देवराज वर्मा का है, जिन्होंने अधिकारियों की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर 18 नवम्बर को डीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने का ऐलान किया है। इस संदर्भ में उन्होंने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति, पीएम, सीएम, राज्यपाल और मुख्य सचिव को पत्र भेजकर सरकारी महकमे में खलबली मचा दी है। 

प्रेषित पत्रक में उल्लेख किया है कि विवादित भूमि पर न्यायालय के आदेशानुसार दोनों पक्षों की सहमति से पैमाइश हुई। इस मामले में 20 वर्ष तक हाईकोर्ट के चक्कर काटने के बाद कुम्भकरण के पक्ष में फैसला हुआ। एसडीएम कोर्ट बांसडीह ने भी कुम्भकरण के हक में फैसला सुनाया और जब वह निर्माण कार्य कर रहे थे, तो आरोप है कि प्रशासन ने इसे रोक दिया। और उसे प्रताड़ित किया। आरोप है कि निर्माण कार्य रुकने से उनका तीन लाख का मैटेरियल खराब हो गया। कुम्भकरण ने आरोप लगाया कि विगत 12 अक्टूबर को उसे थाने पर बुलाया गया, जहां उससे जबरन सुलहनामे पर हस्ताक्षर कराया गया। इसको लेकर कुम्भकरण ने शासन- प्रशासन को कई पत्र लिखे और जब कोई काररवाई नहीं हुई।


By-Ajit Ojha

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