दत्तोपंत ठेंगडी के विचारों के अनुसार नहीं हो सका लोकतंत्र का निर्माण : वीरेंद्र सिंह मस्त
मुरलीछपरा,बलिया । सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि राष्ट्रऋषि महान चिंतक दत्तोपंत ठेंगडी के सपनों के अनुसार अगर लोकतंत्र की स्थापना होती तो आज इसका प्रारूप कुछ और होता। उन्होंने बैंकों व उद्योगों के राष्ट्रीयकृत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो समाज बिखर जाएगा, जो आज देखने को मिल रहा है।
सांसद रविवार को जन्मशती समारोह के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर दोकटी के प्रांगण में आयोजित सभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर ठेंगडी के बातों को मान लिया गया होता तो आज नीरव मोदी व विजय माल्या बैंकों से पैसा लेकर विदेश नहीं भागते। उनका मानना था कि राष्ट्र का औद्योगीकरण व उद्योग का मजदूरीकरण होना चाहिए। उन्हीं के विचारधारा के अनुशरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदारीकरण का विरोध करते हुए सार्क सम्मेलन में भाग लेने से इंकार कर दिया था।
ठेंगडी देश के दूसरे गांधी हैं, देशहित में किए गए अपने कार्यों का प्रचार-प्रसार किए होते तो आज गांधी से भी उनका का कद ऊपर होता किंतु उन्होंने प्रचार-प्रसार से अपने को दूर रखा। वे कहते थे कि सूचना प्रदान करने वाली मशीन समाज में विघटन पैदा करती है। उनके आदर्शों पर चलते हुए मैंने भी सदन में हमेशा किसानों व गांवों की समस्या रखा। साथ ही वहां उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर संकल्प लिया कि ठेंगडी के विचारों का अनुशरण किया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगडी जैसे महापुरुष हमेशा समाज को केवल दिया है। ऐसे महापुरुष की स्मृति को याद करना भजन से कम नहीं है। भारतीय संस्कृति परिवार की संस्कृति है, इसे बाजारीकरण नहीं होने दिया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो निजीकरण के विरोध में अपना आवाज उठाऊंगा। निजीकरण से बाजारू व्यवस्था समाज पर हावी हो जाएगी जबकि हमारा देश परिवारवादी समाज का अनुयायी है।
सर्व प्रथम मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने दत्तोपंत ठेंगडी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सभा को पूर्व प्रमुख कन्हैया सिंह, जिला महामंत्री जयप्रकाश साहू, श्याम सुंदर उपाध्याय, सुशील पांडेय, डा. हरिकंचन सिंह, नरेंद्र दुबे, शंकर दयाल सिंह, राणाप्रताप सिंह आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य छितेश्वर मिश्र व संचालन पवन कुमार ने किया। आयोजक रामप्रवेश दुबे ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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रिपोर्ट : विद्याभूषण चौबे
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