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योगी सरकार का गड्ढा मुक्त सड़क का दावा फेल



रतसर (बलिया) । शासन के गढ्ढा मुक्त सड़क के लाख दावों के बावजूद ग्रामीण इलाकों में सड़कों की स्थिति में कोई विशेष सुधार नही हो पा रहा है। क्षेत्र के गांवों की सड़कों की हालत दयनीय है।  ऐसा ही एक मार्ग है रतसर सुखपुरा नहर मार्ग जो चलने लायक नही रह गया है। विकास खण्ड क्षेत्र के रतसर - सुखपुरा नहर माइनर पर बनी सड़क पर बसे लगभग दर्जनों गांवों के वाशिंदे व हर रोज जनपद मुख्यालय जाने वाले ग्रामीणों एवं स्कूली छात्र - छात्राओं को इस मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। रतसर से पांच किमी की सड़क फेफना विधानसभा में पड़ती है और ढाई किमी सड़क बांसडीह विधानसभा में। शेष पांच सौ मीटर सड़क किस क्षेत्र में पड़ती है इसका पुरसाहाल लेने वाला कोई नहीं है। अरसा बीत जाने के बाद कभी याद पड़ी तो बांसडीह विधानसभा के जन प्रतिनिधि ढाई किमी सड़क पर पिचिंग का कार्य करा देते है वही हाल पांच किमी सड़क फेफना विधानसभा का भी है। इन्हीं सड़कों के बीच पांच सौ मीटर जो बहुत दिनों तक कच्चा मार्ग था। लोगों के परेशानियों को देखते हुए डेढ दशक पूर्व उस समय के तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष सुग्रीव सिंह ने जिला पंचायत निधि से पांच सौ मीटर के कच्चे मार्ग पर खड़न्जा का निर्माण करा दिया। आज हालात यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग बलिया - सोनौली के बीच सुखपुरा उतरने के बाद शाम ढलते रिक्शा वाले भी इस मार्ग से जुड़े किसी भी गांव में सवारी लेकर नही जाना नही चाहते।  क्षेत्र के ग्रामीण सुरेश पाण्डेय, कृष्ण चन्द पाण्डेय, हरिहर गोड़, शेषनाथ यादव, सुधाकर वर्मा, करीमन राम, प्रेमनारायन पाण्डेय, भगुनाथ चौहान, लाल साहब यादव ने बताया कि इस सड़क निर्माण के लिए सैकड़ों बार शिकायती पत्र दिया गया लेकिन निजाम बदलते रहे पर इस  सड़क की सूरत नही बदली।



रिपोर्ट : धनेश पांडेय

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