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व्यायाम शिक्षक पर पक्षपात और हाथापाई का आरोप़


बलिया। किसी भी खेल अथवा प्रतियोगिता में निर्णायक को भगवान का ओहदा दिया जाता है। कारण कि दोनों पक्षों को यह भरोसा होता है कि निर्णयाक का निर्णय पक्षपात रहित होगा। लेकिन उसका क्या करें जब निर्णायक बना व्यक्ति ही पक्षपात अथवा तरफदारी में लीन हो जाये और उचित को अनुचित तथा गलत को सही करार दें। कुछ ऐसा ही वाकया मंगलवार को वीर लोरिक स्टेडियम में घटित हुआ,जहां निर्णायक बने एक कथित खेल शिक्षक ने केवल इस लिए पक्षपात कर गलत निर्णय दिया क्योंकि उसकी चहेती टीम प्रतियोगिता का मुकाबला गंवा बैठी थी।
बता दें कि वीर लोरिक स्टेडियम में जनपदीय परिषदीय विद्यालयों की खेल कूद प्रतियो​गिता का समापन मंगलवार को हुआ। इस दौरान आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता के निर्णायक का ओहदा जिला व्यायाम शिक्षक विनोद सिंह को मिला था। आरोप है कि विनोद सिंह द्वारा प्रतियोगिता में गलत निर्णय देने के साथ ही शिक्षा क्षेत्र गड़वार के अध्यापकों के साथ दुव्यर्वहार एवं हाथापाई की गयी। साथ ही प्रतिभाग नहीं करने वाली टीमों को विजेता घोषित कर दिया गया। जिसके कारण के क्षुब्ध होकर ओवर आल प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने तथा कुल 18 प्रतियोगिताओं में शिक्षा क्षेत्र गड़वार के बच्चों द्वारा प्रथम तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने के बावजूद पक्षपात पूर्ण निर्णय के विरोध में पुरस्कार का ​बहिष्कार किया गया। बच्चों सहित अध्यापक एवं अनुदेशकों ने निर्णय लिया कि भविष्य में होने वाली ​मंंडलीय रैली तथा किसी भी जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं किया जायेगा। जब तक कि इसके संबंध में ​उचित कारवाई नहीं ​की जायेगी। क्योंकि जो भी घटनाएं घटित हुई उस दरम्यान एबीएसए सुबाष गुप्ता भी मौजूद रहें। गड़वार ब्लाक के शिक्षकों ने यह आरोप लगाया कि जब भी कोई जिला स्तरीय रैली या प्रतियोगिता होती है तो इस व्यायाम शिक्षक के द्वारा अध्यापकों के द्वारा दुव्यर्वहार तथा विवाद की स्थिति उत्पन्न की जाती है। आरोप लगाने वालों में अनिल कुमार पाण्डेय, टुनटुन प्रसाद, दयाशंकर यादव, श्याम बिहारी राम, पंकज यादव, दीपक सिंह, शमशाद, राधेश्याम, योगेन्द्र सिंह यादव आदि ने शामिल है।  



By- Ajit Ojha

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