श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना की सफलता को डीएम ने कसें मातहतों के पेंच
बलिया। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही की अध्यक्षता में बैठक हुई। योजना से जुड़ी कार्यवाही में विलम्ब होने पर श्रम अधिकारी से सवाल किया। कहा, अब पूरी गम्भीरता से योजना के लक्ष्य को पूरा करने में लग जाएं।
बैठक में जिलाधिकारी शाही ने कहा कि असंगठित मजदूरों, श्रमिकों, रिक्शाचालकों, दिहाड़ी व खेतिहर मजदूर, मोची के अलावा घरेलू कामगारों के लिए चलाई गई यह एक अनूठी पेंशन योजना है। इसका लाभ लेने के लिए सबसे पहले पंजीकरण कराना होगा। सिर्फ बैंक खाता, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ किसी भी जन सेवा केंद्र से पंजीकरण कराया जा सकता है। डीएम ने कहा कि श्रम विभाग के अलावा बेसिक शिक्षा, आंगनबाड़ी, मनरेगा जैसे विभागों का भी सहयोग जरूरी है। उन अधिकारियों को भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए। श्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि योजना के विस्तृत गाइडलाइन सभी संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए व्यापार मंडल की ओर से भी पूरा सहयोग मिलने का भरोसा दिलाया गया।
ये है योजना की पूरी जानकारी
- जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के मजदूर, श्रमिक, रिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर, खेतिहर मजदूर, मोची या घरेलू कामगारों के लिए एक अनूठी पेंशन योजना है। इसमें उम्र के हिसाब से किस्त जमा करनी है, जो कम से कम 55 रुपये व अधिकतम 200 रुपये तक है। किश्त की जितनी राशि श्रमिक जमा करेंगे, उतनी ही राशि उनके खाते में राज्य सरकार अपनी तरफ से भी जमा करेगी। योजना का लाभ के तौर पर, 60 वर्ष की उम्र के बाद पूरे जीवन तीन हजार प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर पेंशनधारक की मृत्यु हो जाती है तो आधी पेंशन उसके पति या पत्नी को मिलेगी। अगर 60 वर्ष के पहले ही मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी या पति उसी किस्त की दर पर इस योजना से जुड़ सकते हैं या जमा धन वापस ले सकते हैं।
By-Ajit Ojha


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