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जिलाधिकारी ने गो-आश्रय केंद्र के निर्माण की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी



सिकंदरपुर, बलिया । तहसील क्षेत्र के जिगिरसण में बन रहे गौशाला का निरीक्षण जिलाधिकारी  निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार पर उन्होंने नाराजगी जताई और कार्यदाई संस्था के इंजीनियर को कड़े शब्दों में समझाया। चेतावनी दी कि अगर हफ्ते दिन में अधूरे छोटे-मोटे कार्य पूरे नहीं हुए तो गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार के साथ स्थाई गो-आश्रय केंद्र के चारों ओर भ्रमण किया। बाउंड्री पर लगाई गई जाली की मजबूती पर उन्होंने सवाल किया। कहा, अब बची बाउंड्री पर और मजबूत जाली लगाई जाए। मिट्टी का काम भी लंबे समय तक अधूरे रहने पर उन्होंने कहा कि इससे लापरवाही स्पष्ट दिखती है। चूंकि अब इसनें जानवरों को शीघ्र लाया जाना है, इसलिए डीएम ने प्रोजेक्ट से जुड़े हर कार्य को एक हफ्ते के अंदर कंप्लीट करा देने की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि मुख्य गेट ऐसा लगे जिसमें बड़े वाहन भी आसानी से आ जाएं। उसी गेट में एक छोटा गेट हो जिसमें सिंगल जानवर आ-जा सके। गौशाला से पानी निकास की व्यवस्था के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए। भूसा गोदाम की क्षमता, कार्यालय औषधि कक्ष और लगने वाले सोलर पंप की क्षमता के बारे में जानकारी ली। बताया गया कि 2 हॉर्सपावर का सोलर पंप लगाने के लिए नेडा को भुगतान कर दिया गया है। जबकि विद्युत कनेक्शन के लिए भी जरूरी कार्यवाही कर दी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि दोनों विभागों से संपर्क कर यह कार्य पूरा करा लें।


नहीं पता था प्रोजेक्ट पूरा होने की समयसीमा, जेई को लगी फटकार

सिकंदरपुर क्षेत्र के जिगिरसण में निर्माणाधीन गो-आश्रय केंद्र के निर्माण की अंतिम समय सीमा के बारे में जिलाधिकारी ने पूछा तो कार्रवाई संस्था के अवर अभियंता (जेई) ब्रजेश सिंह को यह भी पता नहीं था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और अधिशासी अभियंता को प्रोजेक्ट से जुड़ी पूरी जानकारी के साथ तलब किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के कई अन्य सवालों पर भी जेई बृजेश कुमार सिंह बगल झांकते नजर आए।


रिपोर्ट-हेमंत राय

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