मनुष्यों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए : डॉ श्रीनिवास शुक्ल
नगरा, बलिया । राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य है , मैं नहीं आप, जिसके माध्यम से स्वंयसेवक प्रजातांत्रिक ढंग से निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता का समर्थन करता है। हमें सभी मनुष्यों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए ताकि मानवता की सेवा की जा सके। उक्त विचार एमएलके डिग्री कालेज के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डा. श्रीनिवास शुक्ल ने रविवार को श्री नरहेजी पीजी कालेज नरहीं में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशेष शिविर का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य व्यक्त किए। कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना देश का एक मात्र संगठन है जो सामुदायिक विचारों से अनुप्राणित हो सामाजिक कल्याण की भावना को विकसित करता है। कहा कि 24 सितंबर 1969 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी से राष्ट्रीय सेवा योजना का कारवां प्रारंभ हुआ था। उन्होने स्वंयसेवकों को एनएसएस के अखिल भारतीय स्वरुप, स्थापना के इतिहास, उनके दायित्वों, कर्तव्यों आदि के विषय में विस्तार से अवगत कराया। साथ ही उनसे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया। सर्व प्रथम मुख्य अतिथि ने सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात पूनम, सरिता, आफरीन ने वाणी वंदना प्रस्तुत किया। पूनम, नीलम ने देवी गीत तो पूनम ने देशभक्ति गीत काश्मीर जिगर के टुकडा कहे हिंदुस्तान , ई जान हउए हो ई शान हउवे हो सुनाकर सभी के अंदर देशभक्ति का जज्बा भर दिया। कार्यक्रम अधिकारी डा. श्वेता सिंह ने शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एन एस एस की दोनो इकाईयों ने ईनामीपुर ग्राम पंचायत को गोद लिया है जिसमें सभी गतिविधियां संचालित होंगी। इस मौके पर राजेश सिंह, डा. शोभा मिश्रा, डा.इंद्रसेन सिंह, यास्मीन, डा. पंकज राय आदि मौजूद रहे। संचालन कार्यक्रम अधिकारी डा. कृष्ण मोहन सिंह ने किया।
रिपोर्ट : संतोष द्विवेदी
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