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सत्यकर्म करने से जीवन मरण से मिलती है मुक्ति



रेवती (बलिया) क्षेत्र के दलछपरा गांव स्थित रामखेलावन बाबा के स्थान पर  आयोजित लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन प्रवचन करते हुए रामानुजाचार्य युवराज स्वामी ने श्रीमहाभगवत कथा के महात्म्य पर चर्चा की । कहा कि हम सभी प्राणी काल रूपी सर्प के मुख पर पहले से खड़े है । हमें सत्यकर्म करके इससे यानी जन्म मरण के चक्कर से सुरक्षित यानी मुक्त हो जाना चाहिए । परमात्मा सच्चिदानंद हैं । वह ही सत्य स्वरूप , आनंद स्वरुप व चित स्वरूप है । इनका आदि , मध्य और अंत तीनों सत्य है । सत्य रहेगा । ऐसे शास्वत सनातन श्रीकृष्ण को परमात्मा तथा सच्चिदानंद कहते है । सत् माने शास्वत सनातन सत्य , चित माने प्रकाश तथा आनंद माने आनंद स्वरुप । जो संसार के उत्पत्ति , संहार के अलावे पालन कर्ता भी है । ऐसे परमानंद श्रीकृष्ण को हम बार बार प्रणाम व स्मरण करते है । इस दौरान रात में वृंदावन से आये हुए रास लीला मंडली द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित रासलीला भी प्रस्तुत किये गये।


रिपोर्ट - पुनीत केशरी 

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