नीम के पत्तों के सेवन से कोरोना पर लगेगी नकेल
इसकी जानकारी देते हुए रामबदन भगत ने कहा कि नीम के पत्तों का लगातार सेवन करने से कोरोना वायरस के प्रकोप से बचा जा सकता है. अपने दावे के समर्थन में भगत ने कहा कि नीम में इतने गुण हैं कि ये कई तरह के रोगों के इलाज में काम आता है. यही कारण है कि इसको भारत में ‘गांव का दवाखाना’ कहा जाता है. यह अपने औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेदिक मेडिसिन में पिछले चार हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है. नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है, ‘श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाला.’
मां काली के पुजारी रामबदन भगत यहीं नहीं रुकते और कहते हैं नीम के अर्क में मधुमेह यानी डायबिटिज, बैक्टिरिया और वायरस से लड़ने के गुण पाए जाते हैं. नीम के तने, जड़, छाल और कच्चे फलों में शक्ति-वर्धक और मियादी रोगों से लड़ने का गुण भी पाया जाता है. इसकी छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी होती है. बकौल भगत नीम के पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में मदद करते हैंहैं.इसका अर्क मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीस, एलर्जी, अल्सर, हिपेटाइटिस (पीलिया) वगैरह के इलाज में भी मदद करता है.
कोरोना से बचाव में नीम के पत्तों के कारगर प्रभाव के समर्थन में तर्क देते हुए वह कहते हैं कि दुनिया बैक्टीरिया से भरी पड़ी है.हमारा शरीर बैक्टीरिया से भरा हुआ है. एक सामान्य आकार के शरीर में लगभग दस खरब कोशिकाएँ होती हैं और सौ खरब से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं. आप एक हैं, तो वे दस हैं.आपके भीतर इतने सारे जीव हैं कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते. इनमें से ज्यादातर बैक्टीरिया हमारे लिए फायदेमंद होते हैं. इनके बिना हम जिंदा नहीं रह सकते, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. अगर आप नीम का सेवन करते हैं, तो वह हानिकारक बैक्टीरिया मसलन कोरोना को शरीर में प्रवेश करते ही नष्ट कर देता है.
डेस्क
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