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सोशल डिस्टेंसिग का बैकों पर उडाई जा रही धज्जियाँ



रसड़ा (बलिया) कोरोना का कहर से भारत में अबतक 166 लोगों की मौत के साथ ही कोरोना का कहर धर्रा उठा है गांव व शहर देश भर में कोरोना वायरस की खतरे के चलते जहां पुरे देश में लाँक डाउन का पालन में अपने अपने घरों में कैद लोगों को परिवार के भरण पोषण की चिंता बनी हुई हैं। जिसके चलते जिनके खातों में पैसे है जो पैसा निकालने के लिए बैंक पहुँच रहे हैं। वही मजदूर बर्ग के खातों में सरकार द्वारा 1000 रुपया व जन धन  खाता में प्रति महीना 500 रुपया डाल दिये जाने से पैसा निकलने वालों की बैंको में काफी अधिक भीड़ आ जाना स्वाभाविक हैं लेकिन बैंक अधिकारियों की  लापरवाही और  निष्क्रियता के चलते यह लोग एकत्र हो जाते हैं। बैंक में लेन-देन  की प्रकिया इतनी लाचार है जिसके चलते पैसा निकालने वालों की काफी भीड सड़कों पर सोशल डिस्टेंसिग कि धज्जियाँ उडाते  देखने को मिल रहीं हैं। पैसा के लिए लाइनो  में लगे लोग कुछ शाम को बिना पैसा निकाले ही मायुस होकर  घर जाने को मजबुर हैं।
    रसड़ा स्टेशन रोड स्थित ग्रामीण बैक पर जहां  लोग बैंको के बाहर पैसा निकालने के लिए धूप में भी खड़े हुए थे। लेकिन इस दौरान कोरोना वायरस की दहशत व सोशल डिस्टेंस का पालन से अधिक उन्हें अपने पैसे निकालकर घर की राशन सामग्री ले जाने की चिंता सता रही हैं।क्योकि लाँक डाउन होने के चलते सारे व्यापार व रोजगार ठप पड़े हुए हैं। जिससे लोगों का भरण- पोषण काफी मुश्किल से हो पा रहा हैं। जिसके चलते लोगों ने अपने परिवार के भरण पोषण के लिए खातों से पैसा निकालने की होड़ मची हुई हैं  ऐसे में बैंक के बाहर काफी संख्या में लोग ,महिला  लाईन में खड़े दिखे। इतना ही नहीं बैंको में पैसा निकालने के लिए  वह भी लोग के साथ महिला पहुची जिनके खातों में पैसा भी नहीं आया हैं। जिसकी मुख्य वजह यही रही की बैंको के बाहर काफी संख्या में भिड़ लग रहा है।



रिपोर्ट : पिन्टू सिंह

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