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मासूम बच्चों की आखें अपने पालनहार को ढूंढ रही है क्वारंटाइन में


रसड़ा (बलिया) कोरोना से अबतक 239 लोगों की मौत  जी हाँ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा तहसील क्षेत्र के  कैथीकलां गांव मे एक छोटीसी अफवाहों के कारण  प्राथमिक विद्यालय में  15 लोगो को क्वारंटाइन में रखा गया है। जिनमें 5 वर्ष से 7 वर्ष तक के बच्चों की संख्या  है। प्रचंड धूप और गर्मी में अव्यवस्था के बीच रखे गए मासूम बच्चो की आंखे हर समय अपने पालनहार को ढूंढ रही है।  ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विधालयों की दशा किसी से छिपीं नहीं उसके वावजूद भी प्राथमिक  विद्यालय कैथी कला  पर क्वारंटाइन में रखे गए मासूम बच्चो की आंखे व चेहरे प्रशासन के सामने तमाम सवाल खड़े कर रहे है, जिसका जवाब शायद ही प्रशासन दे पाए। तीन दिन पहले खेतो में गेहूं की बालियां बीन रहे बच्चो को जाम गांव के एक सेवानिवृत फौजी ने दया दिखाते हुए कुछ रुपए देकर उन्हें सभी बच्चों को घर भेज दिया। बच्चो द्वारा फौजी से पैसा लेना ही मासूमों के लिए सजा हो गया। आनन फानन में जंगल की आग की तरह फैली खबर को संज्ञान लेते हुए ब्लॉक और तहसील प्रशासन ने बिना सोचे समझे व जांच पड़ताल किए 15 लोगो को प्राथमिक विद्यालय में 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखने का तुगलकी फरमान सुना दिया। जिस व्यक्ति ने बच्चो के बीच पैसा बांटा, पुलिस उससे पूछ ताछ कर उसे छोड़ दिया। वह व्यक्ति गांव से लेकर बाहर तक स्वच्छंद विचरण कर रहा है। अब यहां सवाल खड़ा होता है कि जिस व्यक्ति ने पैसा बांटा, उसके अंदर कोरोना संक्रमण होने का खतरा नहीं है लेकिन जिन बच्चों ने पैसे लिए उनके अंदर महामारी फैलने की आशंका है। यह भी सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर स्वास्थ्य महकमा ने अभी तक प्राथमिक विद्यालय पर रखे गए लोगो का स्वास्थ्य परीक्षण क्यो नहीं किया। क्या स्वास्थ्य विभाग को इनके बारे में जानकारी नहीं है। जो लोग भी क्वारंटाइन में रखे गए है, वे सभी गरीब परिवार से मिलान करते है। कुछ लोग दबी जुबान इस घटना को राजनैतिक प्रोपगंडा मान रहे है। नाम न प्रकाशित करने के नाम पर लोगो ने बताया कि अपना राजनैतिक कैरियर चमकाने के लिए यह सब किया जा रहा है। वहीं संवाददाता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी  बलिया  सीएमओ डॉ प्रीतम मिश्रा को इस घटना से अवगत कराया तो  इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए जिला प्रशासन के पाले में गेंद डाल दिया है। फिर संवाददाता ने दूरभाष पर  ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बलिया आईएएस विपिन जैन से सम्पर्क करना चाहा मगर सम्पर्क नहीं हो सका । इस घटना से मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पल्ला झाड़ना कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे रहा है। जिसकी जांच जनहित में आवश्यक है।



 रिपोर्ट : पिन्टू सिंह

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