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अखण्ड भारत न्यूज खबर का असर बच्चों सहित सभी कोरंटाईन को छोड़ा गया


रसड़ा (बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र कैथी कलां गांव में क्वारांटाइन के लिए रखे गए बच्चो एवं लोगो की खबर अखण्ड भारत न्यूज पर चलने के बाद क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह ने सज्ञान लिया और  हरकत में आया प्रशासन आनन फानन में रविवार को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मुन्ना सिंह के मोबाइल पर प्रशासन ने उन्हें छोड़ने का निर्देश दिया। प्रशासन के निर्देश के बाद ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने सभी क्वारांटाइन किए गए लोगो को छोड़ दिया। विद्यालय से घर पहुंचे बच्चे अपने माता पिता को पाकर बहुत खुश हुए वहीं घरो में खुशियां छा गई।   
गौरतलब है कि रसड़ा तहसील क्षेत्र के कैथी कलां गांव के प्राथमिक विद्यालय में  प्रशासन द्वारा 15 लोगो को क्वारंटाइन में रखा गया था। जिनमें 5 वर्ष से 7 वर्ष तक के बच्चों की संख्या अधिक थी। प्रचंड धूप और गर्मी में अव्यवस्था के बीच रखे गए मासूम बच्चो की आंखे हर समय अपने पालनहार को ढूंढ रही थी। प्राथमिक विद्यालय पर क्वारंटाइन में रखे गए मासूम बच्चो की आंखे व चेहरे प्रशासन के सामने तमाम सवाल खड़े कर रहे है, जिसका जवाब शायद ही प्रशासन दे पाए। तीन दिन पहले खेतो में गेहूं की बालियां बीन रहे बच्चो को बगल के गांव के एक सेवानिवृत फौजी ने दया दिखाते हुए कुछ रुपए देकर उन्हें घर भेज दिया। बच्चो द्वारा फौजी से पैसा लेना ही मासूमों के लिए सजा हो गया। आनन फानन में जंगल की आग की तरह फैली खबर को संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने बिना सोचे समझे व जांच पड़ताल किए 15 लोगो को प्राथमिक विद्यालय में 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखने का तुगलकी फरमान सुना दिया।


 जिस व्यक्ति ने बच्चो के बीच पैसा बांटा, पुलिस उससे पूछ ताछ कर उसे छोड़ दिया। वह व्यक्ति गांव से लेकर बाहर तक स्वच्छंद विचरण कर रहा है। अब यहां सवाल खड़ा होता है कि जिस व्यक्ति ने पैसा बांटा, उसके अंदर कोरोना संक्रमण होने का खतरा नहीं है लेकिन जिन बच्चों ने पैसे लिए उनके अंदर महामारी फैलने की आशंका है। यह भी सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर स्वास्थ्य महकमा के आला अधिकारियों  तक प्राथमिक विद्यालय पर रखे गए लोगो का स्वास्थ्य परीक्षण क्यो नहीं किया। क्या स्वास्थ्य विभाग को इनके बारे में जानकारी नहीं थी। जो लोग भी क्वारंटा इन में रखे गए है, वे सभी गरीब परिवार से मिलान करते है। कुछ लोग दबी जुबान इस घटना को राजनैतिक प्रोपगंडा मान रहे है। नाम न प्रकाशित करने के नाम पर लोगो ने बताया कि अपना राजनैतिक कैरियर चमकाने के लिए यह सब किया जा रहा है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी  सीएमओ बलिया डॉ प्रीतम मिश्रा  को संवाददाता ने ध्यान आकृष्ट कराया तो साहब इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए जिला प्रशासन के पाले में गेंद डाल दिया। जिले के स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों द्वारा इस घटना से पल्ला झाड़ना कई तरह की आशंकाओं को जन्म दे रहा है। जिसकी जांच जनहित में आवश्यक है। ताकि यदि कोई साजिश भी की गई हो तो, उसकी जानकारी आम लोगो तक पहुंचे। ये खबर शनिवार को अखंड भारत न्यूज  पर "मासूम बच्चो की आंखे अपने पालनहार को ढूंढ रही है क्वारांटाइन में" नामक शीर्षक से चलने के बाद प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया और आनन फानन में ग्राम प्रधान को क्वारांटाइन किए गए लोगो को छोड़ने का निर्देश दिया।



रिपोर्ट : पिन्टू सिंह 

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