लाकडाउन-3:पहले दिन मदिरा दुकानों पर उडाई गई सोशल डिसटेंसिंग की धज्जियाँ
रसड़ा (बलिया) वैश्विक महामारी कोरोना वायरल के चलते भारत में अबतक 1323 लोगों की मौत के वहीं 44 दिनों से लाकड़ाऊन का दंश झेल रहे लोगों को जैसे ही मदिरा दुकान खुलने की सूचना एक दूसरे से मोबाइल पर मिली।जो, जैसे था ही मधुशालाओं की ओर निकल पडे। और देखते ही देखिए शराब की दुकानों पर भीड इकट्ठा गयीं।इतनी जागरूकता फैलाने के बावजूद सुबह मतदान केंद्रों पर भी नहीं लगतीं।
स्थिति यह थी कि कुछ स्थानों पर तो लोग दुकानों खुलने के पहले ही घंटों मंडराने लगे।शराब के शौकीन खरीदने को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला.मदिरापान करने के लिए उमङे लोगों का जोश देखते ही बन रहा था.कतार में ऐसे लोग भी नज़र आये जैसे प्रसाद के लिए भक्तों का सैलाब देखा जाता है खैर .जिनके घरों में सरकार दो जून की रोटी का इंतजाम करने के लिए दिन रात. फिक्रमंद रहती है .
वास्तव में, लाकडाऊन के नेतृत्व में अर्थ व्यवस्था से चिंतित सरकार ने देश हित में शराब की दुकानों को खोलने का निर्णय लिया।क्योंकि सबसे ज्यादा शराब की दुकानों से मिलने वाला राजस्व सरकार की आय का एक सबसे सशक्त माध्यम है. इससे होने वाली आय से सरकार कल्याणकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाती। ऐसे में शराब की दुकानों खुलने से उत्साह का माहौल छा गया।
वही शोसल डिस्टेंसिग का जमकर धज्जियाँ उडाई गई।
हालांकि इस सन्दर्भ में आबकारी अधिकारी बलिया का पक्ष जानने के लिए मोबाइल पर सम्पर्क किया, मगर मोबाइल स्विच ऑफ मिला ।
वही शोसल डिस्टेंसिग का जमकर धज्जियाँ उडाई गई।
हालांकि इस सन्दर्भ में आबकारी अधिकारी बलिया का पक्ष जानने के लिए मोबाइल पर सम्पर्क किया, मगर मोबाइल स्विच ऑफ मिला ।
रिपोर्ट पिन्टू सिंह
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