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भवन स्वामी क्यो नहीं गाइडलाइंस का पालन करते है


रसड़ा (बलिया)। जनपद सहित  रसड़ा  तहसील क्षेत्र  के शिवम् गली में महाराष्ट्र के मुंबई निवासी युवक द्वारा गुरुवार को प्रातः बन्द कमरे में फांसी के फंदे पर झूल जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है, जिनमें पहला सवाल तो यह है कि शासन के गाइड लाइन के बावजूद भवन स्वामी बिना किसी जांच पड़ताल या कोतवाली पुलिस को सूचित किए ही अपने निजी स्वार्थ में बाहर के लोगों को किराएदार रख रहे है। 

जब तक सब कुछ ठीक है तब तक कोई बात नहीं लेकिन जैसे ही कोई घटना दुर्घटना होती है। इन किराएदारों के बारे में चर्चाएं तेज हो जाती है। मुंबई का युवक रसड़ा क्षेत्र में किराए का कमरा लेकर रहता था और सोना चांदी गलाने का कार्य करता था। युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी किन्तु सवाल यह भी पैदा होता है कि युवक किन परिस्थितियों में फांसी लगा ली। इसके अलावा कोई अन्य दूसरी घटना हो जाए तो भी किराएदारों के बारे में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो जाता है। 

पुलिस मौके पर पहुंचती है और किराएदार के बारे में भवन स्वामी से तरह तरह के सवाल करती है। यहां भी यह सवाल पैदा होता है कि जब शासन से किराएदारों को रखने के लिए गाइड लाइन जारी है तो फिर भवन स्वामी क्यो नही गाइड लाइन का पालन करते है। वैसे देखा जाए तो रसड़ा नगरपालिका व छितौनी गांव में इन दिनों शासन की गाइडलाइंस को अवहेलना करते हुए भारी मात्रा में मकान बनाकर महिने में भवनों के एवज में लाखों रुपए महिने कमा रहे हैं। 

वैसे महानगरों की तर्ज पर बैंकों में पैसा रखने से बढ़िया लोग मकान बनाकर महिने पर दें दिया है और हर महीने बैंक से अच्छा ब्याज किरायदारों से मिल रहा है। बताते चलें कि 500से 10हजार  रुपए महिने का रसड़ा क्षेत्र में रेट चल रहा है।
रिपोर्ट- पिन्टू सिंह 

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