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ताउम्र मानवाधिकार की खातिर जूझने वाला यह कार्यकर्ता लड़ रहा जिंदगी की जंग




बलिया। देश के जानेमाने मानवाधिकार कार्यकर्ता चितरंजन सिंह लंबे ‌समय से बीमार चल रहे हैं। सोमवार को उन्हें वाराणसी बीएचयू ले जाया गया था, जहां चिकित्सक ने देखने के बाद बताया कि उनकी किडनी फेल्योर है। डॉक्टर ने उन्हें वापस घर ले जाने की सलाह दी। इस समय उनका उपचार उनकी जन्मस्थली जिले के सुल्तानपुर गांव में चल रहा है। डॉक्टर ने उनकी हालत स्थिर बताई है।

वरिष्ठ मानवाधिकारवादी चिंतक व पीयूसीएल (लोक स्वातंत्रय संगठन) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष चितरंजन सिंह का पूरा जीवन मानवाधिकारों की लड़ाई को समर्पित रहा। चितरंजन सिंह को देश में मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वाले योद्धा के रूप में जाना जाता है। ये पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के भी करीबी रहे। उन्हें वृहस्पतिवार को तबीयत खराब होने पर शहर के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। रविवार को वहां के चिकित्सक ने उन्हें वाराणसी ले जाने की सलाह दी थी। सोमवार को उन्हें बीएचयू वाराणसी ले जाया गया तो वहां चिकित्सक ने बताया कि किडनी फेल्योर हो गई है और इनका लंबे समय तक सर्वाइव कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में आप इन्हें घर ले जाएं। इस समय सिंह का इलाज उनके गांव सुल्तानपुर में ही चल रहा है, जहां डॉक्टर उनकी हालत स्थिर बताई है। उनकी बीमारी की जानकारी होने के बाद गांव में उनके चाहने वालों का तांता लगा हुआ है। सभी लोग उन्हें देखने के लिए गांव पहुंच रहे हैं।




रिपोर्ट धीरज सिंह

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