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एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक



लखनऊ। मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि बाबूजी नहीं रहे। मालूम हो कि 85 वर्षीय लालजी टंडन का मेदांता अस्पताल में करीब डेढ़ महीने से भर्ती थे, लालजी टंडन किडनी और लिवर की बीमारियों से जूझ रहे थे, टंडन के निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।


सोमवार देर रात लालजी टंडन की हालत काफी बिगड़ गई थी, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, इसकी जानकारी लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने दी थी, उनकी जगह इस वक्त उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल मध्‍य प्रदेश के गर्वनर की कुर्सी संभाल रही हैं, उन्हें अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।

बता दें कि लालजी टंडन ने उत्तर प्रदेश में बतौर मंत्री कई विभागों का कामकाज संभाला था,वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने जाते थे, मौजूदा समय में वो एमपी के राज्यपाल थे, इनका राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ था, टंडन दो बार पार्षद चुने गए थे और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे थे, उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी रहे हैं लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता था, 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता था, साल 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई थी, इसके बाद भाजपा ने लालजी टंडन को ही यह सीट सौंपी गई थी, उन्होंने साल 2018 में बिहार के राज्यपाल की भी कुर्सी संभाली थी।


डेस्क


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