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कोरोना सैंपलिंग के दौरान नाम,पता और मोबाइल नम्बर गलत देने पर होगा मुकदमा



बलिया: जिलाधिकारी एसपी शाही ने एक बार फिर से साफ किया है कि कोरोना की जांच के लिए सैम्पल देने में अगर गलत नाम, पता या मोबाइल नम्बर दिया तो आपदा अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस पर रोक लगाने के लिए सैम्पलिंग में कुछ अलग व्यवस्था करने का निर्देश सीएमओ को दिया है। 

दरअसल, जिले में कोरोना की जांच के लिए टसैंपलिंग, परिणाम तथा हॉस्पिटलाइजेशन की प्रक्रिया के दौरान ऐसा देखा जा रहा है कि किसी व्यक्ति द्वारा अपना नाम पता व मोबाइल नंबर गलत लिखवाया जा रहा है। इस वजह से ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। इसी प्रकार पॉजिटिव आने की सूचना पर कुछ लोग अन्य शहर या महानगर में चले जा रहे हैं और वहां के मेडिकल फैसिलिटी में भर्ती हो जा रहे हैं। इससे ऐसा लगता है कि संबंधित व्यक्ति हॉस्पिटल में जाने से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे महामारी फैलने की आशंका और बढ़ जा रही है। स्पष्ट किया है कि यह महामारी व आपदा अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

*सैम्पल लेते समय देखी जाए आईडी, नम्बर पर तुरन्त मिलाकर कर लें सत्यापित*

डीएम श्री शाही ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि अब सैंपल देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पहचान पत्र देखकर मिलान किया जाए। साथ ही नोट कराए गए मोबाइल नंबर को तुरंत डायल कर सत्यापित कर लिया जाए। जांच के बाद अगर कोई अपने घर पर नहीं मिल रहा है या खुद को महानगर में होने की बात कह रहा है तो ऐसे संदिग्ध व्यक्ति का नाम और पूर्ण विवरण समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित प्रसारित करा दिया जाए। निगरानी समिति के संज्ञान में लाने के बाद उसका मोबाइल लोकेशन भी पता किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि इन दोनों स्थितियों में गलत सूचना देने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई होगी।


रिपोर्ट धीरज सिंह

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