घाघरा की मार : तो क्या दो विधान सभा क्षेत्र में बंटने का खामियाजा भुगत रहें हैं दियरांचलवासी
रेवती (बलिया) : टीएस बंधा के तटवर्ती दर्जनों ग्राम सभाओं की ग्रामीण जनता प्रति वर्ष सरयू के बाढ़ व कटान के अलावें आग लगी जैसी दशकों से प्राकृतिक आपदा की त्रासदी झेलती आ रही है ।
पहले पूरा क्षेत्र बांसडीह विधानसभा में पड़ता था । परसीमन के पश्चात घाघरा दियरांचल का तीन चौथाई भाग बैरिया विधान सभा तथा एक चौथाई बांसडीह विधानसभा में बट गया। पहले बांसडीह विधानसभा में रहते पूर्व मंत्री स्व बच्चा पाठक, पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान तथा जय प्रकाश अंचल लोगो के सुख दुख में सदैव शामिल होते रहें हैं । आपदा के समय लोगों की हर संभव प्रशासनिक स्तर पर मदद दिलाते रहे । अब परिस्थितियां बदली बदली सी है। सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से सवा मी से ऊपर इस समय कुछ स्थिर है ।
डेन्जर जोन तिलापुर में बंधे पर नदी का दबाव बना हुआ है । इसकी सुरक्षा व निगरानी का कार्य नही हो रहा है । बंधे के उत्तर साईड फ्लड जोन में बसे नवकागांव के पासवान बस्ती , धूपनाथ और बैजनाथ यादव के डेरा गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है । बंधे से लोगों का संपर्क कट गया है । प्रशासनिक सहायता के नाम पर दर्जन भर नाव की ब्यवस्था सुनिश्चित की गई है । इसके बाद इनकी अन्य परेशानियों को लेकर जिम्मेदार मौन साधे है ।
बंधे के दक्षिण साईड देवपुर मठिया रेगुलेटर से पानी का रिसाव लगातार हो रहा है । बरसात के पानी से एक दर्जन गांवों की कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो चुकी है । इधर रिसाव के चलते खेतो में पहले से लगे बरसाती पानी का लेबल और बढ़ता जा रहा है । रिसाव रोकने के लिए कोई जिम्मेदार आगे नही आ रहा है । इस कारण घाघरा दियरांचल के लोग अपने को उपेक्षित महसूस करते हुए भगवान भरोसे त्रासदी झेलने के लिए विवश है ।
रिपोर्ट पुनीत केशरी
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