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शिक्षक दिवस पर विभिन्न विद्यालयों में छात्र छात्राओं ने किया शिक्षकों का सम्मान

 

रेवती (बलिया) वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण में विद्यालयों के बंद होने के बावजूद विभिन्न विद्यालयों में छात्र छात्राओं ने शिक्षक दिवस पर अपने अपने शिक्षकों का सम्मान किया। 
गोपाल जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय रेवती में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत आयोजित संगोष्ठी में प्राचार्य डाॅ साधना श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम सर्वपल्ली डाॅ राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि डाॅ  राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नही जो छात्रों के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो आने वाले कल की चुनौतीयों के लिए छात्रों को तैयार कर सके। एक शिक्षक उस दीपक की लौ की तरह है जो छात्रों के जीवन को रौशन कर जाते है। इस मौके पर डाॅ काशीनाथ सिंह, डाॅ राम मनोहर, ज्ञानेन्द्र वर्मा, राजीव श्रीवास्तव, राकेश गुप्ता, रागिनी तिवारी, ओमप्रकाश , अजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहें । 
इसी क्रम में मनस्थली एजुकेशन सेंटर रेवती , साई पब्लिक स्कूल व गुलबदन शिक्षण संस्थान गायघाट, में छात्र छात्राओं ने केक काटकर प्रधानाचार्य व शिक्षकों को अलग अलग सम्मानित किया । शिक्षकों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ आशीर्वाद प्रदान किये ।



मनियर, बलिया । भारत रत्न ,पूर्व राष्ट्रपति व महान शिक्षाविद डाॅ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर शनिवार को शिक्षक दिवस शिक्षा क्षेत्र मनियर के सरकारी व अर्धसरकारी विद्यालयों पर शिक्षक दिवस मनाया गया । बीआरसी मनियर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार, व शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष  अजय कुमार सिंह, मंत्री श्री सतीश चंद वर्मा, सुधीर कुमार तो प्राथमिक विधालय बडागाँव पर शिक्षक संघ के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष अमर नाथ तिवारी ने डाॅ. राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला । वहीं कस्बे के साहित्य सदन पुस्तकालय पर युवा नेता गोपाल जी ने डाॅ. राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला । साथ ही मानव जीवन में गुरु की महत्ता पर भी विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि देश के प्रथम उपराष्ट्रपति व दूसरे राष्ट्रपति रहे डाॅ. राधाकृष्णन जी का जन्म 5सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतन्नी में हुआ था। 21 वर्ष की अवस्था में ही ये मद्रास प्रेसिडेन्सी काॅलेज में दर्शन विभाग में जूनियर लेक्चरर बने तथा आंध्र प्रदेश यूनिवर्सिटी और बीएचयू के वाइस चांसलर भी रहे । ब्रिटिश एकेडमी में चुने जाने वाले पहले भारतीय फेलो थे ।इसके पूर्व पुस्तकालय पर पहुँचे कुछ बच्चों को पुस्तकालय की ओर से मास्क का भी वितरण किया गया ।


जाने कहां शिक्षक दिवस पर वर्तमान परिवेश पर शिक्षक की भूमिका पर हुई परिचर्चा




रतसर(बलिया)डीएस मेमो.इंटर कालेज के प्रांगण में महान शिक्षाविद डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्तमान परिवेश में शिक्षक की भूमिका विषयक परिचर्चा में  डीएस समूह से संबद्ध सभी शैक्षिक संस्थान के प्राचार्य एवं शिक्षकगण ने अपने विचार व्यक्त किये। विद्यालय के सहप्रबंधक प्रवीण कुमार सिंह ने शिक्षकों का संबोधित करते हुए वर्तमान में राधाकृष्णन के विचारों को आत्मसात करते हुए शिक्षण कार्य  के लिए प्रेरित किया। वहीं विद्यालय के महा प्रबन्धक राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने सोशल डिस्टेंसिंग के तहत सर्वप्रथम सर्वपल्ली डा० राधाकृष्णन के फोटो पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि डा० राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नही जो छात्रों के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठुसे बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो आने वाले कल की चुनौतीयों के लिए छात्रों को तैयार कर सके। एक शिक्षक उस दीपक की लौ की तरह है जो छात्रों के जीवन को रौशन कर जाते है।



रिपोर्ट : पुनीत केशरी, राममिलन तिवारी, धनेश पाण्डेय

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