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कैसे होगा प्रसूति की महिलाओं का उपचार जब पानी में डूबा जच्चा बच्चा केंद्र




रतसर (बलिया):प्रसव, गर्भवती की जांच, टीकाकरण और जच्चा-बच्चा की नियमित जांच सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का निर्माण कराया गया है लेकिन व्यवस्था बदहाल होने से इनका तनिक भी लाभ आमजन को नही मिल रहा है। क्षेत्र के कई उपकेंद्र इस कदर बदहाल है कि यहां चाहकर भी कोई  एएनएम  रहने को तैयार नही है। ऐसा ही बदहाल है विकास खण्ड गड़वार क्षेत्र के सीएचसी रतसर के  अंतर्गत उपकेन्द्र नूरपुर जो तीन माह से बरसात के पानी से चारों तरफ से घिरा हुआ है।

जिसके कारण वहां पर तैनात एएनएम चाहकर के भी  जच्चा- बच्चा उपकेन्द्र पर ड्यूटी नही कर सकती । बताते चले कि गर्भवती माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए शासन द्वारा हर न्याय पंचायत में उपकेन्द्र की व्यवस्था की गई है। उपकेन्द्र के निर्माण के लिए ग्राम सभा के प्रस्ताव पर जमीन उपलब्ध कराया जाता है जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपकेन्द्र का निर्माण कराया जाता है लेकिन न्याय पंचायत नूरपुर उपकेन्द्र नूरपुर-आसन मार्ग के समीप तालाब के किनारे निर्माण कार्य करा दिया गया।

 बरसात के दिनों में जब तालाब पानी से भर जाता है तो  चारों तरफ जलजमाव हो जाता है जिसके कारण वहां पर चार महीने के लिए टीकाकरण से लगायत अन्य सुविधाए पुरी तरफ से ठप हो जाता है। इन चार महीने वहां तैनात एएनएम गांव के किसी सार्वजनिक स्थान पर टीकाकरण एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य करती है। इस बावत सीएचसी प्रभारी डा० राकिफ अख्तर ने बताया कि एएनएम सेन्टर का प्रस्ताव तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जाता है लेकिन भूमि मुहैया कराने का काम ग्राम सभा तय करती है।

इस संबंध में ग्राम प्रधान नीतू वर्मा ने बताया कि हमारे पूर्व के प्रधान ने प्रस्ताव पारित करा के निर्माण कार्य कराया था हालांकि उस जगह पर निर्माण कार्य नही कराना चाहिए क्योंकि जब भी बरसात होगा वहां पानी लगेगा हालांकि इसके लिए ग्राम सभा से कार्य योजना तैयार की गई है। बरसात बाद वहां पर मिट्टी भरवाकर खड़न्जा निर्माण कराया जाएगा।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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