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जब दवाइयां हुई बेकार तब मां के प्रसाद ने दिखाया चमत्कार




बलिया: इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो अखारा गांव निवासी  मनोज गिरी को जब मेडिकल साइंस में निराश किया तो महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा कराए गए रामी के स्पर्श मात्र से 3 वर्ष पुराना कमर के दर्द का मर्ज जाता रहा.


अपनी व्यथा सुनाते हुए दुबहर थाना क्षेत्र के अखार गांव निवासी मनोज गिरी बताते हैं कि 3 वर्ष पूर्व उन्हें अचानक कमर दर्द हुआ.शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और पहले इलाकाई फिर बलिया जिला अस्पताल के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी. 


इसके बाद उन्होंने कमर दर्द के उपचार के लिए मऊ गोरखपुर समेत बीएचयू तक के डॉक्टरों जहां उपचार कराया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला. वाराणसी के डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी.जिस पर उन्होंने ऑपरेशन की हामी भी भर दी, लेकिन ऐन वक्त पर चिकित्सकों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया. जिससे उनका मर्ज लाइलाज हो गया. इसी दौरान उन्हें किसी ने पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में बताया और वहां जाकर मां की स्तुति करने की सलाह दी.

 मरता क्या न करता की तर्ज पर कमर दर्द की पीड़ा से कराहते हुए मनोज पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचे और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई. मनोज की व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और फिर अपनी रामी का उनकी कमर से स्पर्श कराया. मनोज बताते हैं कि इसके बाद मानो चमत्कार सा हुआ, जिस पीड़ा के निदान के लिए वह बलिया समेत तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाए और निराश होकर लौट आए वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गया.



डेस्क

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