जर्जर संपर्क मार्गों ने रोका बलिया के इस ब्लाक में विकास का पहिया
रेवती (बलिया) :साईमन कमीशन का विरोध, नमक सत्याग्रह से लेकर सन 1942 के आंदोलन में अग्रणी रहने वाला रेवती कस्बा संपर्क मार्गो के खस्ताहाल के चलते विकास से कोसो दूर होता चला जा रहा है । नगर पंचायत, ब्लाक मुख्यालय , सीएचसी, थाना, पोस्ट आफिस , स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हाट बाजार तथा रेलवे स्टेशन होने से आस पास के पचास गांवों के लोगों का यहां आवागमन लगा रहता है ।
रेवती नगर से दूर दराज जाने वाले दर्जनों संपर्क मार्गों के खस्ता हाल के चलते रेवती का विकास अवरूद्ध होता जा रहा है । हडियाकला, कुसौरी , खरिका, भाखर , कोलेन पांडेय के टोला, पचरूखिया मार्ग, स्टेशन रोड, दलछपरा, श्रीनगर आदि जाने वाले संपर्क मार्ग इतने जर्जर व क्षतिग्रस्त है कि साईकिल व बाईक चालक को बीच बीच में बाईक से उतर कर पैदल भी चलना पड़ता है । संध्या व रात में पैदल चलने वाले राहगीर भी आये दिन चोटिल होते रहते हैं ।
कहने को तो रेवती बाजार में छोटी बड़ी पांच सौ दुकानें है किन्तु आवागमन के साधन के अभाव व खस्ता हाल संपर्क मार्गो के चलते दूर दराज के ग्रामीण रेवती बाजार की जगह सहतवार अथवा सीधे रानीगंज (बैरिया) निकल जाते है । पांच महिने का लाक डाउन, इधर लगातार हुई बरसात के चलते अधिकांश खुदरा दुकानदारों की हालत दयनीय हो गई है ।
पांच सौ दुकानदारों में लगभग पचास थोक दुकानदारों को छोड़ दिया जाय तो ग्राहक का आवक कम होने तथा गांव में चट्टी चौराहों पर नित्य नई दुकानों के खुलने से शेष सैकड़ो दुकानदारों की स्थिति दयनीय होने से भुखमरी की विकट समस्या का सामना कर के साथ कर्ज भी बढ़ता जा रहा है । दो विधान सभा व दो संसदीय क्षेत्र में पड़ने से यह क्षेत्र इस समय नेतृत्व विहिन सा हो गया है । शासन प्रशासन के साथ जन प्रतिनिधि भी खस्ताहाल सड़कों के मरम्मत को लेकर मौन साधे हुए हैं ।
रिपोर्ट पुनीत केशरी
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