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ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए बना स्वास्थ्य उपकेन्द्र बदहाली के कगार पर, जिम्मेदार मौन

 



रतसर (बलिया)
विकास खण्ड  गड़वार क्षेत्र के जनऊपुर में लाखों रुपए खर्च कर उप स्वास्थ्य केन्द्र बनवाया गया लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी व देखरेख के अभाव के चलते केन्द्र बदहाल पड़ा हुआ है। ग्रामीणों की शिकायत है कि लाखों रुपए निर्माण व मरम्मत के नाम पर खर्च कर दिए जा रहे है। लेकिन जिम्मेदार जिम्मेदारी से सेवा देना मुनासिब नही समझते, जिससे ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे टीकाकरण एवं प्रसव के लिए दौड़ भाग करना पड़ता है। स्थानीय सीएचसी अन्तर्गत जनऊपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र में गन्दगी की भरमार है। केन्द्र छुट्टा जानवरों का बसेरा बना हुआ है। परिसर में चारों तरफ गन्दगी का अम्बार लगा हुआ है। केन्द्र में लगे खिड़की एवं दरवाजे टूट चुके है जिससे कमरों की सुरक्षा नही हो सकती। परिसर में जब से भवन का निर्माण हुआ है तब से आज तक विलेज हेल्थ एण्ड वेलनेस का कार्य भी नही हुआ है। जानकारी के अनुसार चार दशक पूर्व महिलाओं एवं बच्चों की स्वास्थ्य सेवा के लिए गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कराया गया था। उचित रखरखाव व देखभाल के अभाव भवन पूरी तरह जर्जर हो गया था। फिर ग्रामीणों की मांग पर 2008 में गांव के पश्चिम तालाब के किनारे दूसरा उपकेन्द्र का निर्माण कराया गया। ठीकेदार आधा-अधूरा कार्य कराकर बीच में ही छोड़कर चला गया। विल्डिंग तो बनी लेकिन दरवाजा, खिड़की एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोई एएनएम उसमें कार्य नही कर पाती। ड्यूटी पर तो एएनएम समय से आकर काम करती है लेकिन जगह के अभाव में गांव में ही आशा के घर पर केन्द्र बनाकर सारी स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया कराती है। मेन्टिनेंस के नाम पर ग्राम प्रधान एवं आशा के संयुक्त खाते में दस हजार रुपए की धनराशि आती है उसी में स्टेशनरी, साज सज्जा एवं अन्य

जरूरत के सामानों में ही खर्च हो जाता है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग गम्भीर नही है । केन्द्र पर टीकाकरण व अन्य जरूरी सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया नही हो पा रही है जिससे ग्रामीणों को सीएचसी रतसर पर आवागमन करना पड़ता है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा०रकीफ अख्तर ने बताया कि मुख्य चिकित्सा धिकारी के यहां से पत्र निर्गत हुआ है कि क्षेत्र में

 आने वाले उपकेन्द्र की क्या स्थिति है सभी का डाटा तैयार कर भेजा गया है बहुत जल्द ही क्षेत्र के सभी उप केन्द्रों का निर्माण एवं जीर्णोद्वार की व्यवस्था शुरू होने वाली है। 



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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