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उपचुनावों में पास हुई भाजपा:11 राज्यों की 59 में से 40 पर भाजपा का कब्जा




नई दिल्ली : बिहार के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ मंगलवार को 11 राज्यों की 59 विधानसभा और बिहार की वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों के नतीजे भी घोषित हुए। भाजपा ने इन 59 में से 40 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम रखा। इसमें मध्यप्रदेश में 28 सीटों में से 19 सीटों पर जीत शामिल है। वहीं, गुजरात में सभी आठों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है।

बिहार के साथ-साथ उपचुनावों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल की नीतियों, उपलब्धियों पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा सकता है। कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन, बेरोजगारी, खस्ताहाल इकोनॉमी के साथ-साथ नए किसान कानून और चीनी सेना के लद्दाख में घुस आने के मुद्दों पर जनता की राय सामने आई है। इस दौरान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, वहां जमीन लेने का अधिकार सभी भारतीयों को देना, राम मंदिर का भूमिपूजन भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर वोटर ने मुहर लगाई है।

बिहार की लोकसभा सीट जेडी(यू) को
जेडी(यू) सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के फरवरी में निधन के बाद वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। इस पर जेडी(यू) के प्रत्याशी सुनील कुमार ने निर्णायक बढ़त हासिल की।

गुजरात की सभी 8 सीटों पर भाजपा की जीत
गुजरात उपचुनावों में भाजपा ने सभी 8 सीटों पर जीत हासिल की है। जून में राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के 8 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में आ गए थे। कांग्रेस ने 1995 के बाद अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देते हुए 2017 में 77 सीटें जीती थीं। भाजपा की राज्यसभा सीटें कायम रखने के लिए जिन 8 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें से 5 को भाजपा ने टिकट दिए थे।

उत्तरप्रदेश (7 सीटें): योगी की ताकत कायम
यूपी के उपचुनावों में 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह ही योगी की ताकत कायम दिखी। इन चुनावों में भी भाजपा 7 में से 6 सीटें जीतने में कामयाब रही। सातों सीटों पर कानून-व्यवस्था, खासकर महिला सुरक्षा, दुष्कर्म और जाति-आधारित संघर्षों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा टेस्ट था। एक सीट पर सपा ने जीत हासिल की।

कर्नाटक में भाजपा को दो सीट का फायदा

मणिपुर में 5 सीटों पर चुनाव हुए। इसमें 4 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की। कर्नाटक, झारखंड, नगालैंड में 2-2 सीटों पर उपचुनाव हुए। कर्नाटक में दोनों सीटों पर कांग्रेस और JD(S) ताकतवर थे। इसके बाद भी दोनों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की और बीएस येदियुरप्पा सरकार को मजबूती दी।

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ दी थी, वहीं कांग्रेस के एक विधायक की मौत हुई थी। दुमका में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांटे के मुकाबले में जीत हासिल की। वहीं, दूसरी सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। नागालैंड में दो सीटों पर उपचुनाव हुआ। इनमें एक सीट पर NDPP ने और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। ओडिशा में जिन 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे, वहां भाजपा और बीजद (BJD) के पास एक-एक सीट थी। दोनों सीटें BJD ने जीत ली हैं। दोनों ही पार्टियों ने पूर्व विधायकों के बेटों को टिकट दिए हैं। ताकि संवेदना के आधार पर वोट हासिल कर सकें।

तेलंगाना में भाजपा, हरियाणा में कांग्रेस
तेलंगाना की एक सीट भाजपा ने जीत ली है। यह सीट TRS विधायक के निधन से सीट खाली हुई थी। हरियाणा में जाट बहुल सीट कांग्रेस के कब्जे वाली रही है। यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भाजपा के लिए मौका दिख रहा था, लेकिन कांग्रेस ने सीट कायम रखने में कामयाबी पाई। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के निधन से खाली हुई मरवाही सीट पर दो दशक से उनके परिवार का ही कब्जा रहा था। इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है।








डेस्क

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