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अहंकार पतन का मुख्य कारण:- पंडित अवध बिहारी चौबे


दुबहर, बलिया : क्षेत्र के नगवा गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन प्रवचन करते हुए जनपद के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित अवध बिहारी चौबे ने कहा कि सुखदेव जी महाराज ने परीक्षित को बताया कि भगवान के अनंत स्वरूप हैं। सभी स्वरूपों का ध्यान किया जा सकता है, लेकिन भगवान के बाल तथा चतुर्भुज स्वरूप की महत्ता सर्वोपरि है। 

बताया कि भगवान की भक्ति करने वाले भक्त अष्टांग योग का पालन करते हुए प्रभु के श्री धाम को प्राप्त होते हैं। 

बतलाया कि भगवान श्री कृष्ण की रासलीला को देखने के लिए भगवान भोलेनाथ को गोपी का रूप धारण करना पड़ा था।  वास्तव में भगवान की कथा को सुनने का सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नहीं होता है। 

कहा कि कलिकाल में भागवत कथा श्रवण करना साक्षात प्रभु के दर्शन करने के समान है। उन्होंने कहा कि भगवान के बाल स्वरूप की कथा श्रवण मात्र से मनुष्य भव बंधन से मुक्त होकर परमात्मा के परमधाम को प्राप्त होता है। कहा कि अहंकार पतन का कारण बनता है मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए।  श्री कृष्ण ने गोवर्धन पहाड़ एक उंगली पर उठाकर देवताओं के राजा इंद्र का घमंड चकनाचूर कर दिया था।

संगीतमय  कथा के दौरान भजन की धुन पर भक्त मंत्रमुग्ध हो गए।  कथा सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त आ रहे हैं। 

इस मौके पर प्रमुख रूप से पंडित कमल बिहारी चौबे ,पंडित धनंजय उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार रमाशंकर तिवारी, अनमोल, गोदावरी शुक्ला, राधेश्याम पाठक, पंकज पाठक, शिवनाथ यादव, हरेराम पाठक व्यास, जगदीश पाठक, जगेश्वर मितवा, लालू पाठक, बब्बन पाठक,नंदलाल पाठक, हरि शंकर पाठक,अरुण सिंह,नवनीत पांडेय, शिवजी पाठक बब्बन विद्यार्थी आदि लोग मौजूद रहे। ज्ञान यज्ञ के आयोजक राकेश पाठक भजन गायकों को पुरस्कृत किया। 


रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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