Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

बलिया में जब अदालत के फैसले की बारी आई तो पुन: एक दूजे के हुए पति-पत्नी

 


बलिया। लगभग तीन साल से अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी जब आपसी सहमति से तलाक दाखिल कर दिये, लेकिन ऐन वक्त पर जिला जज/ प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय सत्यप्रकाश त्रिपाठी की सूझबूझ से निर्णय लिखे जाने के समय अचानक वैवाहिक दपत्ति ने साथ-साथ रहकर फिर से जिंदगी बसाने की बात कहीं। इसके बाद कोर्ट ने इसे दोनों की उपलब्धि बताते हुए साथ-साथ रहने के लिए निर्देशित किया। जबकि विवाह विच्छेद के लिए दाखिल मुकदमे को दोनों पक्षों की ओर सेबल नहीं देने पर निरस्त कर दिया।

रेवती थाना क्षेत्र के भटवलिया गांव निवासी पवन कुमार शर्मा की शादी बिहार प्रांत के भोजपुर जिले के बाराबांध निवासिनी रूचि कुमारी से हुई थी। करीब तीन साल तक दोनों अलग-अलग रहे। इसके बाद पत्नी के कहने पर पति की ओर से परिवार न्यायालय में विवाह विच्छेद का मुकदमा 13 ख के तहत कोर्ट में दाखिल किया गया था। जब निर्णय की तिथि पर परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने अपने विश्राम कक्ष में दोनों पति-पत्नी को बुलाया और बताया कि वैवाहिक संबंध अब खत्म होने जा रहा है तो दोनों एक दूसरे को देखे और भावुक हो गये। लड़के ने न्यायाधीश से कहा कि श्रीमान हमने तलाक के लिए कभी नहीं कहा। मेरी पत्नी ही लोगों के बहकावे में तलाक देने को तैयार थी। उसके कहने पर ही तलाक भी दाखिल किया गया था। जबकि लड़की ने बताया कि शादी के बाद करीब तीन साल तक पति ने जबउसकी खोज-खबर नहीं ली तो बेचैन और परेशान हो गयी। न्यायाधीश ने दोनों को आधे घंटे तक अकेले में बात करने की अनुमति दी। दोनों आधे घंटे तक बात करने के हंसते-मुस्कुराते न्यायाधीश के कक्ष में पहुंचकर साथ-साथ रहने को निर्णय सुना दिया।




रिपोर्ट- धीरज सिंह

No comments