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घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही, कस्बे में मिलता है लगा जाम...

  


नगरा, बलिया। जख्म फिल्म की गीत "घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही, रस्ते में है उसका घर" की इन खूबसूरत लाइन को थोड़ा सा बदल दिया जाए कि "घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही, कस्बे में हर जगह लगा जाम" तो ये नगरा बाजार के हालात पर बिल्कुल सटीक बैठेगी। नगरा बाजार में तो जाम लगना वैसे आम बात है लेकिन त्योहारी मौसम में गुरुवार से यह अपने चरम पर पहुंच गया है। चाहे बाजार का रसड़ा मार्ग हो या बेल्थरा रोड मार्ग, चाहे भीमपुरा मार्ग हो या सिकंदरपुर मार्ग।



 मुख्य मार्गो पर दोपहिया, चारपहिया वाहन रेंग रहे है। बाजार में धनतेरस के मौके पर दूर दराज से खरीदारी करने आए लोगो के मुंह से अनायास ही निकल जा रहा है हे राम! जाम ही जाम। बाजार में जाम की स्थिति इतनी दयनीय है कि खरीदारी करने आए लोगो का कीमती समय साइलेंसर की धुएं की तरह उड़ जा रहा है। शुक्रवार को धनतेरस के दिन लोग दिन भर जाम से जूझते रहे।बाजार में जाम लगने का प्रमुख कारण ठेले खोमचे वालों के अलावा दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों का सड़क पर ही खड़ा होना है। कुछ स्थाई दुकानदार भी सड़कों तक अपनी दुकानें सजाकर जाम को बढ़ावा दे रहे है। इसके अलावा कुछ मोमबत्ती, लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा व मिट्टी के समान बेचने वाले भी सड़कों के किनारे अपना कब्जा जमा लिए है।बाजार में पुलिस पिकेट पर तैनात पुलिस व होमगार्ड के जवान भी बाजार को जाम से छुटकारा दिला पाने में असफल है।

                               



रिपोर्ट संतोष द्विवेदी

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