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अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ का किया पूजन, लगाई परिक्रमा



रतसर (बलिया) अक्षय नवमी पर सोमवार को महिलाओं ने आंवले के पेड़ का पूजन कर परिक्रमा  लगाई तथा पेड़ के नीचे प्रसाद ग्रहण किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। कार्तिक मास में आंवले का काफी महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि आंवले के फल व पत्तों से भगवान का पूजन महाफलदायक होता है जिसके अंतर्गत आंवले के वृक्ष की पूजा करके उसके नीचे विभिन्न प्रकार के अन्नों से भक्तिपूर्वक ब्राह्मणों को भोजन कराया गया। साथ ही लोगों ने भी सपरिवार भोजन किया। पूजन के क्रम में सबसे पहले पंचोपचार जुटाकर भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही उन्हें लवंग युक्त पकवान बनाकर भोग लगाया गया। इस अवसर पर अध्यात्मवेत्ता आचार्य पं० भरत पाण्डेय ने कहा कि कार्तिक मास में जब सूर्य तुला राशि में होता है तब सब तीर्थ, ऋषि, देवता आंवले कि वृक्ष में वास करते हैं।इसी कारण आंवले के वृक्ष की पूजा की विशेष महत्ता है। रत्नगर्भ कुष्मांड का दान करने का भी पुण्य फलदायक विधान है। उन्होंने बताया कि पद्म पुराण के अनुसार अक्षय नवमी के दिन जो भी व्यक्ति व्रत व पूजन करते हैं वे सब प्रकार के पापों से मुक्त हो जाते है। उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में तुलादान करने से जो फल मिलता है वही फल अक्षय नवमी को कुष्मांड दान करने से मिलता है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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