किया ऐसा विवाह कि हर कोई करें वाह
लखनऊ : यूपी के प्रतापगढ़ जनपद मे एक शादी ऐसा भी जो इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे लोग डिजिटल युग में बरसों तक याद रखेंगे।
जी हाँ शादी के फेरों से महज 8 घंटे पहले एक हादसे में कुवांरी दुल्हन आरती के पूरी तरह अपंग हो जाने के बाद भी दूल्हे अवधेश ने न सिर्फ रिश्ता कबूल किया, बल्कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार होने वाली पत्नी को एम्बुलेंस से उसके घर लाकर स्ट्रेचर पर लेटी हुई हालत में शादी की सभी रस्में अदा कीं । सुनने में थोडा फिल्मी-सी लग रही यह कहानी 15 साल पहले रिलीज हुई शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म 'विवाह' का रियल लाइफ रीमेक है जी हाँ आपने सही समझा मगर गैर करें ।
शादी की रस्मों के बाद दुल्हन ससुराल के बजाय वापस अस्पताल पहुंच गईं, जहां उसे अभी कई दिनों तक और रहना है यह अनूठी शादी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है ।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही गांव के अवधेश से तय हुई थी । 8 दिसंबर को बारात आनी थी दोनों ही घरों में शहनाइयां बजने की तैयारी चल रही थीं । परिवार के सदस्य और दूसरे मेहमान तैयारी मे थे, तभी दोपहर 1.00 बजे के करीब एक छोटे बच्चे को बचाने के चक्कर में दुल्हन आरती का पैर फिसल गया और वह छत से नीचे गिर गई । आनन फानन में घर वालों ने अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने बताया कि उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई । कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी गभीरं चोट आई । पड़ोस के अस्पतालों ने इलाज दौरान हाथ खड़े कर दिए तो घरवालों ने उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में ले आए । शादी वाले घर में कोहराम मच गया।
डॉक्टरों ने जब यह बताया कि फिलहाल ठीक होने मे काफी वक्त लगेगा और कई महीने तक बिस्तर से नहीं हिल सकती तो सभी के होश उड़ गए । आरती के घर वाले और दूसरे लोगों को लगा कि लड़के वाले अब शादी तोड़ देंगे, क्योंकि इलाज के बावजूद उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद भी थोड़ी कम थी । परिवार वालों ने दूल्हे अवधेश और उसके घर वालों को दुल्हन आरती की छोटी बहन से शादी का ऑफर दिया, लेकिन उस वक्त दूल्हे अवधेश ने जो फैसला लिया, उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि साधारण से परिवार का सामान्य सा नज़र आने वाला अवधेश जो कदम उठाएगा, वह उनकी सोच से परे होगा । अवधेश ने कहा कि वह इस हालत में भी न सिर्फ आरती को पत्नी के तौर पर अपनाएगा, बल्कि शादी भी उसी दिन तय वक़्त पर करेगा । इसके बाद वह ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाज करा रही आरती की मांग भरना चाहता था अवधेश की जिद पर डाक्टरों की टीम से परमीशन लेकर आरती को दो घंटे बाद एम्बुलेंस से वापस घर लाया गया । उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर मान्यताओं के अनुसार शादी की सभी रस्में अदा की गईं । ऑक्सीजन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी मांग भरी गई । आम दुल्हनों की तरह आरती की विदाई भी हुई | यह अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वह वापस अस्पताल चली गई | अगले दिन होने वाले ऑपरेशन के फॉर्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्तखत किए, ।
आज के आधुनिक युग में ऐसे महापुरुष को शत् शत् नमन् है व डिजिटल युग के बच्चों के लिए सिख भी शादी विवाह ईश्वर तय करता है धरती पर मानव केवल रोल अदा करता है ।
यह खबर शोशल मीडिया से प्राप्त हुई है ।
रिपोर्ट : पिन्टू सिंह
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