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जब डाक्टरों ने खड़े किए तब मां के प्रसाद ने दिखाया चमत्कार

 



बलिया: इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो बिहार के बक्सर जनपद के इटाड़ी गांव निवासी  संतोष चौहान को जब मेडिकल साइंस ने निराश किया तो मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी बूटियों के सेवन से उनके सिर में होने वाला दर्द जाता रहा.


अपनी व्यथा सुनाते हुए संतोष बताते हैं कि 3 वर्ष पूर्व उनको अचानक सिर में दर्द हुआ.शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और पहले इलाकाई फिर बक्सर जिला अस्पताल के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी. 




इसके बाद उन्होंने दर्द के उपचार के लिए बलिया और फिर बीएचयू के प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन तक से उपचार कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उम्मीद की किरण तो तब धूमिल होती दिखी जब डॉक्टरों ने कहा कि  यह बीमारी आपके जीवन का अंत कर देगी. इसी दौरान उन्हें  एक मित्र ने पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में बताया और वहां जाकर मां की स्तुति करने की सलाह दी.


 मरता क्या न करता की तर्ज पर संतोष परिजनों के साथ पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचे और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई. उनकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और  मां से अपनी अर्जी लगाने और औषधियों के नियमित सेवन की बात कही. संतोष बताते हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ, जिस पीड़ा के के निदान के लिए वह बक्सर समेत तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाए और निराश होकर लौट आए वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गया.



 

रिपोर्ट धीरज सिंह


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