दुर्व्यवस्था से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र रसड़ा, प्रभारी मंत्री जी कब करेंगे दौरा
रसड़ा (बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज भी डिजिटल युग में आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध का पूर्ण व्यवस्था न होने के कारण मरीजों कों भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। इस स्वास्थ केंद्र पर एक तरफ जहां वर्षा से एमडी व सर्जन चिकित्सकों की कमी का दंश झेल रहा है वहीं यहां पर डिजिटल एक्सरे, विभिन्न प्रकार के जांच, सफाई व्यवस्था तथा आवश्यक दवाआें के नाम पर सिर्फ कोरम ही पुरा किया जाता है । इस अस्पताल परिसर में मरीजों सहित आशा बहुआें के बैठने के लिए कोई इंतजाम विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। नतीजन मरीज व आशा बहु जमीन व बजबजाती नालियों पर बैठने को विवश होते हैं। दवाआें की बात करें तो यहां हमेशा ही आवश्यक दवाआें का अभाव ही बना रहता हैं ।सफाई का आलम यह है कि सफाई कर्मचारियों मनमाने से गंदगी बनी रहती है। सबसे दयनीय स्थिति गंभीर मरीजों को लेकर यहां पर है। खास तौर से सड़क दुर्घटनाआें में घायल मरीजों को इलाज करने के बजाय तत्काले रेफर के कागज तैयार कर दिए जाते हैं नतीजन अक्सर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।
बानगी के रूप में एक हफ्ता पहले बाइक की आमने सामने टक्कर में वाराणसी में आज युवक का निधन हो गया मरीज को स्टेचर भी नहीं मिला रेफर के समय परिजनों ने हाथों में टाग कर बोलोरो तक ले गए एेसा नहीं कि इस गंभीर समस्या से विभाग अनजात है किंतु उच्चाधिकारियों व राजनेताआें के अपेक्षित सहयोग न मिलने से यहां स्थिति दिनप्रतिदिन दयनीय होती चली जा रही है। अगर यही हाल रहा तो रसड़ा सीएचसी से लोगों का मोह भंग होकर रह जायेगा । अधीक्षक पी० सी० भारती को कार्य सभाले तीन महीने बीत जाने के बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव या सुधार नहीं हुआ और तो और दिवालो पर आज भी पुराने अधीक्षक सहित जो डाक्टरों नहीं है यहां पर आज भी उनका नाम दर्ज है और मरीजों को बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
दिवालो पर नाम को लेकर वर्षों से कुडली मारकर बैठे लिपिक अनिल सिंह से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि खिचड़ी से बढिय़ा दिन हो जाई त लिखवा दिहल जाई ।
इस खबर को प्रमुखता से रखतें हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा० जितेन्द्र पाल को भी बार बार अवगत कराया मगर व्यवस्था में आज तक कोइ बदलाव नहीं दिखाई पड़ा ।
अब देखना है कि सरकार व बलिया जिले के प्रभारी मंत्री जी का दौरा कब होता है इस अस्पताल पर ।
एक तरफ सरकार सबका साथ ,सबका विकास के लिए पढाई लिखाई दवाई पर पानी की तरह पैसा बहा रही हैं वहीं जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपने जिम्मेदारीयो का निर्वाह न करने से इस अस्पताल से लोगों का मोह भंग होता जा रहा है
पिन्टू सिंह
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